एफडीआई (सौ. डिजाइन फोटो )
भारत पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान को पहलगाम हमले के बाद से तगड़े झटके दे रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के व्यापारिक संबंध खत्म कर दिए थे और सिंधु जल समझौते को भी रद्द कर दिया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर 9 आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। इतना ही नहीं भारत ने पाकिस्तान और चीन दोनों को शॉक दे दिया है।
भारत ने ये बात साफ कर दी है कि जिन देशों के साथ देश की जमीनी बॉर्डर सटी हुई है, उनके साथ एफडीआई एग्रीमेंट में कोई संशोधन नहीं किया जाने वाला है। साथ ही केंद्र सरकार ने 2020 में एक प्रेस नोट 3 जारी करके ये साफ कर दिया था कि जिन देशों से भारत की बॉर्डर जुड़ी है, वहां के इंवेस्टर्स अगर भारत में इंवेस्ट करते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले उन्हें सरकार की ओर से अनुमति लेना होगा।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रेस नोट 3 के नियम सिर्फ पाकिस्तान और चीन पर ऊपर ही नहीं लागू होने वाला है बल्कि ये नियम इन सभी देशों पर लागू होगा। इस सूची में बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे देशों का भी समावेश हैं। इन देशों के साथ एफडीआई एग्रीमेंट में कोई संशोधन नहीं किया जाने वाला हैं। साथ ही यदि इन देशों से कोई इंवेस्टर भारत में इंवेस्ट करता है, तो उसे भारत सरकार के नियमों के अनुसार कई जांच से गुजरना पड़ सकता है।
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केंद्र सरकार ने जमीनी बॉर्डर से जुड़े देशों से एफडीआई के माध्यम से आने वाले इंवेस्टमेंट के लिए प्रेस नोट 3 जारी किया था। जिसके बाद से ही इन देशों से एफडीआई के माध्यम से कोई ना कोई इंवेस्टमेंट आता है, तो उसके एप्लीकेशन को अप्रूवल प्रोसेस से गुजरना होता है। हालांकि वर्तमान समय में प्रेस नोट के अंतर्गत जो एप्लीकेशन आते हैं, उनको गृह सचिव की अध्यक्षता की एक मंत्री अंतर मंत्रालयी समिति अप्रूव या फेल कर सकती है। साथ ही भारत वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के साथ एफटीए के अंतर्गत समझौता करने के लिए अग्रसर है।