(प्रतीकात्मक तस्वीर)
TGH Investment In Vodafone- Idea: लंबे समय से घाटे में चल रही वोडाफोन-आइडिया (Vi) को अब अमेरिकी कंपनी का सहारा मिलने जा रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी इनवेस्टमेंट कंपनी टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) वोडाफोन-आइडिया में 4 से 6 अरब डॉलर (लगभग 35,488 से 53,232 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि घाटे में चल रही इस टेलीकॉम कंपनी का मालिकाना हक भी टीजीएच अपने हाथ में ले सकती है।
हालांकि, इस बड़े निवेश के लिए भारत सरकार को वोडाफोन आइडिया की सभी देनदारियों को निपटाने के लिए एक मोटी पैकेज देनी होगी। इसमें एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम पेमेंट से जुड़े सभी बकाया शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर यह डील फाइनल होती है तो TGH कंपनी के प्रमोटर बन जाएंगे और मौजूदा प्रमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप और यूके की वोडाफोन से नियंत्रण ले लेंगे।
अभी इस टेलीकॉम कंपनी की सबसे बड़ी शेयरधारक भारत सरकार है। भारत सरकार के पास करीब 49% हिस्सेदारी है। अगर वोडाफोन आइडिया और TGH के बीच डील हो जाती है तो भारत सरकार का भी इस पर कोई कंट्रोल नहीं रहेगा। हालांकि, सरकार एक छोटी और निष्क्रिय निवेशक बनी रहेगी।
अमेरिकी निवेश फर्म टीजीएच बकाया राशि को माफ करने की मांग नहीं कर रही है। बल्कि, वे इन देनदारियों को इस तरह से पुनर्गठित (restructure) करना चाहते हैं जिससे कंपनी को कुछ राहत मिल सके। इस संबंध में उन्होंने सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भी सौंपा है। एक सूत्र ने बताया कि टीजीएच का प्रस्ताव बकाया राशि के समाधान के साथ ही आएगा।
यह फर्म जिस पुनर्गठन पैकेज की मांग कर रही है, वह उनके निवेश और उनका निवेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले राहत पैकेज पर निर्भर करेगा। अगर सरकार वोडाफोन आइडिया को राहत पैकेज देने का फैसला करती है, तो यह डील आने वाले महीनों में पूरी हो सकती है।
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टीजीएच मुख्य रूप से डिजिटल और एनर्जी ट्रांसफोर्मेशन जैसे तेजी से बढ़ते सेक्टर में निवेश करती है। उनके पास एक टेलीकॉम ऑपरेटर को चलाने के लिए जरूरी विशेषज्ञता और अनुभव है। इसके चेयरमैन और सीईओ संजीव आहूजा को 2003-2007 के दौरान फ्रेंच टेलीकॉम दिग्गज ऑरेंज को उबारने का श्रेय दिया जाता है। टीजीएच की पहले से ही टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे फाइबर और टावर संपत्ति) में कई देशों में हिस्सेदारी है।