फाइल फोटो (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने हाल ही में अपने आईपीओ को बाजार में लॉन्च किया था। हालांकि इस कंपनी के आईपीओ ने बाजार में जितनी हाइप क्रिएट की थी, उसके विपरीत ही इसके रिजल्ट नजर आए हैं। इस कंपनी ने भी बाकी सारे आईपीओ की खराब शुरूआत के रिवाज को जारी रखा है। स्विगी का आईपीओ केवल 3.59 फीसदी सब्सक्रिप्शन पाकर ही बंद हो गया था।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी का शेयर अपने निर्गम मूल्य 390 रुपये से करीब 8 प्रतिशत की बढ़त के साथ बुधवार को बाजार में सूचीबद्ध हुआ है। बीएसई पर शेयर 5.64 प्रतिशत की बढ़त के साथ 412 रुपये पर लिस्टेड हुआ है। बाद में यह 7.67 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 419.95 रुपये पर पहुंच गया है। एनएसई पर शेयर ने 7.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 420 रुपये पर शुरुआत की है।
फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी का मार्केट वैल्यूएशन शुरुआती कारोबार में 89,549.08 करोड़ रुपये रहा है। स्विगी लिमिटेड के आईपीओ के खुलने के बाद सेल्स के आखिरी दिन यानी पिछले शुक्रवार तक 3.59 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। बेंगलुरु स्थित स्विगी कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस वैल्यू 371 से लेकर 390 रुपये प्रति शेयर के बीच तय किया गया है। कंपनी का आईपीओ 4,499 करोड़ रुपये के नए शेयर और 6,828 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश यानी ऑफर फॉर सेल का कॉम्बीनेशन था।
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स्विगी के इस आईपीओ का प्राइस बैंड 371 रुपये से लेकर 390 रुपये के बीच रखा गया था। इसके पब्लिक इश्यू के तीसरे और आखिरी दिन यानी शुक्रवार को इसका रिटेल और क्यूआईबी कोटा तो पूरी तरह से भर गया है, लेकिन इसका गैर संस्थागत निवेशकों का कोटा उम्मीद के अनुसार सब्सक्राइब नहीं हो पाया है।
हालांकि इस समय फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और जौमेटो दोनों पर सीसीआई ने नियम उल्लघंन का भी आरोप लगाया है। जिसको लेकर दोनों प्लेटफॉर्म ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ये साफ किया है कि वे रेग्यूलेशन से जुड़े हर नियम मानने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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(एजेंसी इनपुट के साथ)