भारत Vs चीन (सौ. डिजाइन फोटो )
ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया ने भारत की सैन्य ताकत का जबरदस्त प्रदर्शन देखा है। भारत पाक तनाव में पाकिस्तान का साथ देने की कीमत तुर्की चुका रहा है, लेकिन अब इसका खामियाजा चीन भी भुगतता हुआ नजर आ रहा है।
चीनी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी के रेवेन्यू के आंकड़े हाल ही में सामने आए हैं, जो कि बेहद ही चौंकाने वाले हैं। वर्तमान कैलेंडर ईयर की पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में तकरीबन आधा हो गया है। आंकड़ों की बात की जाए तो कंपनी के होलसेल रेवेन्यू में 45 प्रतिशत प्रतिशत की गिरावट देखने के लिए मिल रही है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर पहली तिमाही में कंपनी के आंकड़े किस तरह देखने के लिए मिल रहे हैं।
मार्केट रिसर्च फर्म कैनालिस के आंकड़ों के अनुसार, स्मार्टफोन की सेल्स से शाओमी का बिना जीएसटी वाला रेवेन्यू वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 47.2 मिलियन डॉलर पर आ गया है, पिछले साल की समान तिमाही में ये 85.3 मिलियन डॉलर रहा था। इतना ही नहीं कंपनी की शिपमेंट वॉल्यूम भी इस टेन्योर के दौरान जनवरी से मार्च तिमाही में 4 मिलियन तक गिरकर 38 प्रतिशत की भारी गिरावच के साथ साल 2016 की तीसरी तिमाही के बाद पहली बार टॉप 5 से बाहर हो गई है।
एक्सपर्ट्स की मानी जाए तो कंपनी पिछली तिमाहियों की इंवेंट्री को खत्म करने में जुटी हुई थी। मार्केट ट्रैकर के आंकड़ों के आधार पर पता चला है कि हाई वैल्यू सेगमेंट में पैठ बनाने के अपने एक्टिव कोशिशों के बाद, मार्च तिमाही में शाओमी का एवरेज सेल्स वैल्यू असल में 12 प्रतिशत नीचे गिरकर 118 डॉलर तक हो गया है।
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कैनालिस के सीनियर एनालिस्ट संयम चौरसिया ने कहा है कि शाओमी प्रीमियम बनने का लक्ष्य रखे हुए है। उनका नेतृत्व प्रीमियमाइजेशन के बारे में बात करता है। उन्होंने कहा है कि कंपनी का एएसपी बढ़ाने के लिए ब्रांडिंग में सुधार की जरूरत हो सकती है, जिसमें चैनल पार्टनर्स और कस्टमर्स को प्रोडक्ट्स और इकोसिस्टम की प्रीमियम क्वालिटी के बारे में आश्वस्त करना भी शामिल है। हालांकि कंपनी अभी यहां लड़खड़ा रही है। लेकिन शाओमी ने ये सफाई दी है कि वॉल्यूम में गिरावट कंपनी की प्लानिंग के अनुसार है, जो अपने पोर्टफोलियो को सुव्यवस्थित करने के लिए मार्केट वैल्यूजाइशेन के लाभदायक विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, ना सिर्फ घटते स्मार्टफोन मार्केट में वॉल्यूम का पीछा करने पर।