अनिल अंबानी, (चेयरमैन, रिलायंस ग्रुप)
नई दिल्ली: देश के जाने-माने कोराबारी अनिल अंबानी की दिवालिया हो चुकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को एसबीआई (SBI) ने फ्रॉड घोषित किया है। स्टॉक एक्सचेंज में फाइल एक लेटर में जानकारी देते हुए भारतीय स्टेट बैंक ने कहा कि आरकॉम (Reliance Communication) ने लोन के स्वीकृत पैसे को गलत तरीके से दूसरे कंपनियों में ट्रांसफर किया है। आरकॉम का यह कदम इंटर कंपनी ट्रांजेक्शन और बिक्री से जुड़े इनवॉयस का दुरुपयोग है।
अनिल अंबानी के वकील ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को फ्रॉड बताने का कड़ा विरोध करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा है। बुधवार, (2 जुलाई 2025) को लिखे गए पत्र में में आरकॉम की ओर से कहा गया है कि SBI के इस कदम ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस और अदालत के निर्देशों का भी उल्लंघन किया है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस की तरफ से बुधवार को स्टॉक मार्केट को भेजी सूचना में उसने कहा कि एसबीआई 2016 के एक मामले में कथित तौर पर पैसा दूसरी जगह भेजने का हवाला देते हुए उसके लोन अकाउंट को फ्रॉड बता रहा है। अनिल अंबानी के वकील ने कहा कि SBI का RCom के लोन अकाउंट को फ्रॉड बताने का आदेश चौंकाने वाला एवं एकतरफा है और यह नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है।
अनिल अंबानी के वकीलों की ओर से कहा गया कि उन्हें बिना किसी पूर्व जानकारी के यह आदेश मिलने पर हैरानी हुई। खासकर इसलिए क्योंकि एसबीआई ने एक साल से भी ज्यादा समय से लोन अकाउंट के बारे में उनके मुवक्किल (अनिल अंबानी) की किसी भी चिट्ठी का जवाब नहीं दिया है। वकीलों की तरफ से मांग की गई कि यह प्रोसेस गलत है और इसमें सुधार किया जाना चाहिए। अंबानी की लीगल टीम ने बताया कि SBI की तरफ से शो-कॉज नोटिस (SCN) दिसंबर 2023 में जारी किया गया था।
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कंपनी के वकीलों ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक ने इस मामले में अनिल अंबानी को पूरी जानकारी नहीं दी। बैंक ने सिर्फ फोरेंसिक ऑडिट की अधूरी कॉपी भेजी थी, जिसकी वजह से अंबानी को जवाब देने का उचित मौका नहीं मिला। इसके साथ ही बैंक की ओर से उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई के लिए मौका दिया गया। यह सब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का विरोध है। जब बैंक द्वारा एक साल तक उनकी चिट्ठी का कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें लगा की बैंक उनकी बात मान चुका है।