रेमिटेंस टैक्स (सौ. सोशल मीडिया )
अमेरिका में रहने वाले एनआरआई को एक बहुत बड़ी राहत की सांस लेने के लिए मिली हैं। ट्रंप प्रशासन के द्वारा वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के नए ड्राफ्ट में रेमिटेंस टैक्स को 3.5 परसेंट से घटाकर 1 परसेंट तक कर दिया है।
पहले इस बिल में 5 प्रतिशत टैक्स की बात हुई थी, फिर इसे घटाकर 3.5 परसेंट तक कर दिया है और अब सीनेट के लेटेस्ट वर्जन में इसे और भी कम करके 1 प्रतिशत तक कर दिया है। इससे बिल के एक्ट बनने के बाद भारत पैसा भेजने वालों को ज्यादा फायदा मिल सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए नियमों के अनुसार ये टैक्स 31 दिसंबर 2025 के बाद होने वाले कुछ स्पेशल ट्रांसफर पर ही लगता है। सबसे अच्छी बात ये है कि बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट के अकाउंट्स से किए गए ट्रांसफर्स और अमेरिका में जारी डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किए गए पेमेंट्स पर ये टैक्स नहीं लगने वाला हैं। जिसका सीधा मतलब है कि रोजाना के ज्यादातर रेमिटेंस इस टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे।
इस बिल की खबर से अमेरिका में रहने वाले इंडियन को चिंता में डाल दिया था, क्योंकि ये एनआरआई भारत में परिवार की हेल्प या इंवेस्टमेंट के लिए पैसा भेजना आम बात है। साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 29 लाख से ज्यादा इंडियन रहते हैं, जो वहां की दूसरी सबसे बड़ी विदेशी जनसंख्या है। आरबीआई के अनुसार, साल 2024 में अमेरिका से भारत को लगभग 32 बिलियन डॉलर यानी लगभग 27.7 प्रतिशत टोटल रेमिटेंस भेजे गए हैं। ऐसे में टैक्स बढ़ने से एनआरआई को काफी नुकसान हो सकता था।
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1 प्रतिशत टैक्स से रेमिटेंस पर खर्च कम होगा, लेकिन फिर भी कुछ लोग कम पैसा ही पैसा भेज सकते हैं। खास तौर पर वे जो रेग्यूलर बेसिस पर भारत में परिवार की हेल्प करते हैं या प्रॉपर्टी और इंवेस्टमेंट के लिए पैसे भेजते हैं। हालांकि बैंक ट्रांसफर्स और कार्ड पेमेंट्स पर टैक्न ना लगने के कारण ज्यादातर लोगों को राहत की सांस मिली हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)