रघुराम राजन, (पूर्व गवर्नर, RBI)
Raghuram Rajan On Trump Tariffs: पिछले कुछ समय से भारत और अमेरिका में जारी टैरिफ टेंशन के बीच आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत को सलाह दी है कि वह रूस से तेल खरीद पर फिर से विचार करे। उन्होंने कहा है कि रूस पर ज्यादा निर्भर रहना भारत के लिए जोखिम भार हो सकता है। रघुराम राजन की ये सलाह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सोच से भी मेल खाती है, क्योंकि वे चाहते हैं कि भारत रूस से तेल खरीदना कम करे और अन्य विकल्प की तलाश करें।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय हालात बदलते हैं या रूस किसी भी तरह के सख्त प्रतिबंध लगते हैं, तो भारत की एनर्जी सेक्योरिटी पर असर पड़ सकता है। इसलिए भारत को चाहिए कि वह तेल खरीद के लिए संतुलित रणनीति अपनाए और कई देशों से इंपोर्ट का ऑप्शन रखे। ऐसा करके भारत भविष्य में किभी भी वैश्विक राजनीतिक या आर्थिक संकट का बेहतर ढंग से सामना कर सकेगा।
इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में दिग्गज अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि इससे किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान। रिफाइनरी कंपनियां जरूरत से ज्यादा फायदा कमा रही हैं, लेकिन एक्सपोर्टर्स को इन टैरिफ की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है। यहां रघुराम राजन का इशारा स्पष्ट है कि वर्तमान परस्थितियों में भारत की तेल रिफाइनिंग कंपनियां तो मुनाफे में हैं, लेकिन वैश्विक बाजारों में अपने उत्पाद बेचने वाले भारतीय निर्यातकों पर भारी दबाव बढ़ गया है।
देश के मशहूर अर्थशास्त्री ने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ के कारण देश के निर्यातकों की लागत बढ़ रही है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में उनकी स्थिति कमजोर हो रही है। गौरतलब है कि 27 अगस्त की सुबह से लागू ये हाई टैरिफ किसी भी एशियाई अर्थव्यवस्था पर लगाए गए सबसे भारी शुल्कों में शामिल हो गया है। एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि इनसे हजारों छोटे निर्यातकों और रोजगार पर असर पड़ सकता है।
इंटरव्यू के दौरान रघुराम राजन ने कहा कि अगर रूस से तेल खरीदने का लाभ ज्यादा नहीं है, तो सरकार को सोचना चाहिए कि क्या इन्हें जारी रखना वाकई सही है। उन्होंने अमरेकी टैरिफ को गंभीर चिंता का विषय और सरकार के लिए एक चेतावनी बतातया कि अब समय आ गया है जब भारत को किसी एक ट्रेड पार्टनर पर अपनी निर्भरता को कम करनी चाहिए।
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रघुराम राजन ने यह भी चेताया कि आज की वैश्विक व्यवस्था में व्यापार, निवेश और वित्त को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे हालात में भारत को बहुत सावधानी से फैसले लेने होंगे, ताकि भविष्य में किसी भी आर्थिक या राजनीतिक दबाव से दश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर न पड़े।