
ब्लिंकिट (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : हमारे देश में अब 10 से 30 मिनट के अंदर ना सिर्फ डेली नीड्स का सामान बल्कि आईफोन से लेकर मेकअप तक ऑनलाइन ऑर्डर किया जाता है। सिर्फ आधे घंटे में डिलीवरी देने के कारण क्विक कॉमर्स का बिजनेस तेजी से फैलता जा रहा है। आज की युवा पीढ़ी यानी 18 से 35 साल के युवाओं को ये सुविधा सबसे ज्यादा भा रही है, जिसके कारण क्विक कॉमर्स कंपनी 2 सालों में ही 3 गुना से भी ज्यादा ग्रो कर चुकी है।
एक रिसर्च के अनुसार ये जानकारी मिली है कि साल 2022 में क्विक कॉमर्स का बिजनेस भारत में 2 अरब डॉलर का था, जो साल 2024 में 6.1 अरब डॉलर का हो गया है। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि साल 2030 तक क्विक कॉमर्स का बिजनेस 40 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यही कारण है कि क्विक कॉमर्स के बिजनेस में अब ई-कॉमर्स की सबसे बड़े नाम अमेजन और फ्लिपकार्ट भी उतरने के लिए तैयार है।
देश में सबसे पहले क्विक कॉमर्स की शुरूआत अपैरल और फैशन के सामान की बिक्री करने वाले प्लेटफार्म मिंत्रा ने की थी, जो सिर्फ 10 से 30 मिनट में अंदर ही कपड़े और फैशन के सामान को उपलब्ध करवाता है। हालांकि क्विक कॉमर्स के बढ़ने का नुकसान छोटे किराना व्यापारियों को सबसे ज्यादा हो रहा है।
अलग अलग रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में क्विक कॉमर्स के यूजर्स की संख्या 54 लाख हुआ थी, जो इस साल बढ़कर 2.6 करोड़ तक हो गई है। साल 2060 तक क्विक कॉमर्स के यूजर्स की संख्या 6 करोड़ के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। क्विक कॉमर्स में जेप्टो, जौमेटो, स्विगी और ब्लिंकिट जैसी कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही है।
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चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में ब्लिंकिट के बिजनेस में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 122 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म की खरीदारी करने वाले 69 प्रतिशत कंज्यूमर 10 मिनट में अपने सामान को डिलीवरी चाहते हैं। 31 प्रतिशत ग्राहकों को डिलीवरी की जल्दी नहीं होती है। मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में क्विक कॉमर्स का ट्रेंड बाकी शहरों से ज्यादा तेजी से बढ़ा है।






