प्रिवेंटिव हेल्थकेयर मार्केट (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : कोविड 19 महामारी के बाद से ही देश में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। जिसका रिजल्ट ये रहा है कि देश में प्रिवेंटिव हेल्थकेयर मार्केट का लगातार तेजी से विस्तार हो रहा है। जीरोधा के को फाउंडर निखिल कामथ के अनुसार, भारत का प्रिवेंटिव हेल्थकेयर मार्केट पिछले 4 सालों में दोगुना हो गया है, जिसमें अकेले सिर्फ वेलनेस और फिटनेस का योगदान 98 बिलियन डॉलर का रहा है और टोटल मार्केट साइज का 51 प्रतिशत है।
बताया जा रहा है कि प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के पास पैसा बनाने का एक बहुत बड़ा मौका है, क्योंकि मार्केट का एक्सपेक्टेड साइज साल 2025 तक 197 बिलियन डॉलर यानी तकरीबन 8 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद की जा रही है। कामथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा है कि पिछले 10 सालों में हेल्थ से जुड़ी हर चीज बहुत जल्दी लगती थी। ये स्थिति अब और बदल रही है और अर्बन इंडिया में हेल्थ और लंबी आयु मेनस्ट्रीम बन रहे हैं।
Everything health-related in the last decade felt like it was too early.
This seems to be changing now, with health and longevity becoming mainstream in urban India. The timing might be right now for entrepreneurs to build something in health. Thoughts? pic.twitter.com/aDBDKO4ujm — Nikhil Kamath (@nikhilkamathcio) February 27, 2025
निखिल कामत के द्वारा पोस्ट में शेयर किए गए डेटा के अनुसार, कोविड महामारी के समय से लाइव फिटनेस कंटेंट के कंज्पशन में 1,300 प्रतिशत की बढ़त हुई है, जिसने हेल्थ के बारे में दुनिया के दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल दिया है। ये बढ़ती हुई चेतना ही है जिसका लाभ भारत को आगे जाकर मिलने वाला है। इस पोस्ट ने भारत में वियरेबल्स और जिम जाने वालों कम पेनिट्रेशन की तुलना दुनिया से कर फिटनेस इंडस्ट्री के संभावित विकास के बारे में उन्होने जानकारी दी है।
कामथ ने अपने पोस्ट में बताया है कि, साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति 10,000 लोगों पर 114 यूनिट फिटनेस वियरेबल्स बेची जाती हैं, जबकि ग्लोबल एवरेज 645 है। इससे ग्लोबल संख्या की तुलना भारत में फिटनेस वियरेबल की सेल्स 82 प्रतिशत कम है। भारतीय प्रिवेंटिव हेल्थकेयर पर ईयरली एवरेज 4,000 से 10,000 रुपये तक लोग खर्च करते हैं। उनकी पोस्ट के अनुसार, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर में एक्सरसाइज, हेल्थी न्यूट्रिशियन, हेल्थ इंश्योरेंस, शीघ्र निदान और हेल्थ ट्रैकिंग शामिल हैं।
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निखिल कामथ ने कहा है कि जिम सब्सक्रिप्शन के मामले में भारत बहुत पीछे है, जो दुनिया की कुल संख्या का 0.2 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, इसके अलावा, न केवल हमारे पास दुनिया में सबसे कम जिम सब्सक्रिप्शन है, बल्कि 50 प्रतिशत से ज्यादा जिम मेंबर नियमित रूप से जिम नहीं जाते हैं। आंकड़ों से ये भी पता चला है कि भारत में वर्तमान में कुल 96,278 जिम हैं।