हरदीप सिंह पुरी, (केंद्रीय मंत्री)
Natural Gas Storage Found in Andman Islnad: एनर्जी सेक्टर में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। दरअसल, अंडमान सागर में स्थित श्री विजयपुरम 2 (Sri Vijayapuram 2) कुएं में प्राकृतिक गैस का पता चला है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी है। यह कुआं अंडमान द्वीपसमूह के पूर्वी तट से करीब 17 किलोमीटर दूर है। कुएं की जलगहराई 295 मीटर है, यानी यह समुद्र की सतह से 295 मीटर गहने पानी में स्थित है। इसकी लक्षित गहराई 2650 मीटर रखी गई थी।
केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक, कुएं को पानी की सतह से लेकर समुद्र के नीचे जमीन में कुल 2650 मीटर तक खोदा गया। इसमें 295 मीटर पानी की गहराई और उसके नीचे जमीन में लगभग में 2355 मीटर गहराई शामिल है। शुरुआती उत्पादन परीक्षण ( Initial Production Testing से पता चला कि 2212 से 2250 मीटर की गहराई में नेचुरल गैस मौजूद है और उसमें समय-समय पर फ्लेयरींग भी देखा गया।
कुएं से निकाले गए गैस के नमूनों (Gas Samples) को शिप के माध्यम से काकिनाडा (Kakinada) लाया गया, जहां उनका टेस्ट किया गया। जांच में पता चला है कि इस नेचुरल गैस में 87 प्रतिशत मीथेन है। मीथे एक हाई एनर्जी कैपेसिटी वाला घटक है और इसे कमर्शियल प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
An ocean of energy opportunities opens up in the Andaman Sea!
Very happy to report the occurrence of natural gas in Sri Vijayapuram 2 well at a distance of 9.20 NM (17 km) from the shoreline on the east coast of the Andaman Islands at a water depth of 295 meters and target depth… pic.twitter.com/4VDeGtt8bt — Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) September 26, 2025
अंडमान आइलैंड में नेचुरल गैस का यह भंडार भारत के एनर्जी सिक्योरिटी और स्वदेशी एनर्जी सोर्स के विकास के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इस गैस भंडार से देश की एनर्जी डिमांड को स्थानीय स्त्रोतों से पूरा करने में मदद मिलेगी और आयातित एनर्जी पर निर्भरता कम होगी। केंद्रिय मंत्री के मुताबिक, अब कुएं से कमर्शियल प्रोडक्शन योजना तैयार की जाएगी। यह चरण देश की उर्जा रणनीति में एक नया आयाम जोड़ सकता है और अंडमान-निकोबार क्षेत्र में उर्जा निवेश के अवसर भी बढ़ाएगा।
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इस नेचुरल गैस भंडार से न केवल घरेलू ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय एनर्जी मार्केट में भारत की स्थिति मजबूत करने में भी मदद करेगा। मीथेन की उच्च प्रतिशतता इस प्रोजेक्ट को वाणिज्यिक रूप से आकर्षक बनाती है और भविष्य में एलएनजी (LNG) निर्यात के रास्ते भी खोल सकती है। कुल मिलाकर, श्री विजयपुरम 2 कुएं में प्राकृतिक गैस की पुष्टि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है और यह देश को आत्मनिर्भर ऊर्जा स्रोतों की ओर एक कदम और आगे ले जाएगी।