प्रतीकात्मक तस्वीर (सौजन्य सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारत में साल 2022 से लेकर साल 2027 के दौरान इलेक्ट्रसिटी जनरेशन की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए इतने रुपये के फंड की जरूरत होने वाली है। बताया जा रहा है कि बिजली के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 14.54 लाख करोड़ रुपये के फंड की जरूरत पड़ सकती है। इसमें साल 2027 से 2032 के बीच चालू होने वाले प्रोजेक्ट के लिए लगने वाले एक्सपेंसेंस भी शामिल है।
बिजली मंत्रालय ने बयान में कहा कि साल 2026-27 के लिए ऑल इंडिया लेवल पर अनुमानित इलेक्ट्रिकल एनर्जी आवश्यकता और ज्यादातर इलेक्ट्रिसिटी डिमांड क्रमशः 1908 अरब यूनिट और 277 गीगावाट अनुमानित है। ये अनुमान मंगलवार शाम इलेक्ट्रिसिटी मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की बैठक के दौरान व्यक्त किए गए। केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने बैठक की अध्यक्षता की थी।
बयान में कहा गया है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण यानी सीईए के द्वारा प्रकाशित 20वें बिजली सर्वेक्षण यानी ईपीएस रिपोर्ट के अनुसार 2031-32 तक ज्यादातर डिमांड और एनर्जी आवश्यकता करीब 366 गीगावाट और 2474 अरब यूनिट तक रहने का अनुमान है।
राष्ट्रीय विद्युत योजना यानी एनईपी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में एनर्जी स्टोरेज क्षमता एक महत्वपूर्ण पहलू है। 2026-27 तक 16.13 गीगावॉट एनर्जी स्टोरेज क्षमता की आवश्यकता है। इसमें 7.45 गीगावॉट क्षमता के पीएसपी यानी पंप स्टोरेज और 8.68 गीगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम यानी बीईएसएस शामिल है। इसमें कहा गया, कुल कैपेसिटी बढ़त के अनुमान देश के 2029-30 तक 500 गीगावाट की ग्रीन एनर्जी क्षमता हासिल करने के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
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बिजली मंत्रालय ने कहा कि साल 2022 से साल 2027 की अवधि के लिए टोटल फंड की आवश्यकता 14,54,188 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें 2027-32 के दौरान चालू होने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए अग्रिम कार्रवाई के लिए 2022-27 के बीच संभावित एक्सपेंसेस भी शामिल है।
सांसदों ने विभिन्न पहलों तथा योजनाओं के बारे में कई सुझाव दिए। उन्होंने महत्वाकांक्षी ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों और बिजली उत्पादन क्षमता में उपलब्धियों के लिए योजना की सराहना भी की। बैठक में स्टोरेज, रिन्यूऐबेल एनर्जी प्रोडक्शन और किसानों के मुआवजे से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सांसदों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने के लिए उचित कदम उठायें तथा लोगों के हित को प्राथमिकता दें। केंद्रीय मंत्री ने सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)