माइकोसॉफ्ट, (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दुनिया की मशहूर टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Layoff) एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी करने जा रही है। बुधवार को जानकारी के देते हुए कंपनी ने बताया कि वह अपने 9,100 कर्मचारियों को निकाल रही है। यह माइक्रोसॉफ्ट की 2023 के बाद सबसे बड़ा ले-ऑफ है। इससे पहले मई और जून में भी कंपनी ने अपने हजारों कर्मचारियों को निकाला था।
माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, लेऑफ कंपनी के कुल कर्मचारियों को लगभग 4 फीसदी हिस्सा है। वर्तमान समय में विश्वभर में कंपनी के करीब 2.28 लाख कर्मचारी हैं। हालांकि, इसमें से कितने कर्मचारी अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित ऑफिस हैं, इसको लेकर कंपनी की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
बता दें कि पिछले दो महीने मई और जून में भी कंपनी ने दो अलग-अलग फेज में ले-ऑफ किया किया था। इस समय करीब 6,000 कर्मचारियों को निकाला गया था। इसमें से 2,300 कर्मचारी वॉशिंटन ऑफिस के बताए जा रहे हैं। अब इस महीने के शुरुआत में ही छंटनी की खबर से कंपनी के अंद और बाहर बैचैनी बढ़ गई है।
इस छंटनी को लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर कामकाज को ज्यादा असरदार बनाना चाहती है। बाजार में मंदी, लागत में कटौती और मुनाफे बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। आईटी सेक्टर में पिछले कुछ से छंटनी का यह सिलसिला लगातार देखने को मिल रहा है। इससे पहले अमेजन ने भी बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया था।
माइक्रोसॉफ्ट के चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर (CCO) जुडसन अल्थॉफ ने दो महीने के लिए छुट्टी (सैबेटिकल) पर जाने का फैसला किया है। हालांकि, कंपनी की ओर से कहा गया है कि अल्थॉफ ने यह ब्रेक खुद लिया है, जो कंपनी के फाइनेंशियल ईयर के अंत के साथ जुड़ा है। वह सितंबर में ऑफिस ज्वॉइन करेंगे।
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ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी आगे चलकर अपने सेल्स टीम में भी लेऑफ कर सकती है। सेल्स डिपार्टमेंट माइक्रोसॉफ्ट के लिए काफी अहम है, लेकिन लागत कम करने के प्रयास में यहां भी कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है। माइक्रोसॉफ्ट की यह छंटनी टेक सेक्टर में जारी वैश्विक संकट को बढ़ा सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले कुछ महीनों में यह सिलसिला लगातार देखने को मिल सकता है।