मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : केंद्रीय बजट के बाद आज अब देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहद अच्छी खबर आयी है। बताया जा रहा है कि देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काफी तेजी देखने के लिए मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट जनवरी के महीने में 6 महीनों के हाई स्तर पर पहुंच गई है। एक्सपोर्ट में तकरीबन 14 सालों में सबसे तेज बढ़त इसकी अहम वजह रही है।
मौसमी रुप से समयोजित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेंस मैनेजमेंट इंडेक्स यानी पीएमआई जनवरी में 57.7 रहा था। फरवरी 2011 के बाद से नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में सबसे तेज बढ़त के चलते इसे समर्थन मिला है।
पीएमआई के अंतर्गत, 50 से ज्यादा इंडेक्स होने का सीधा मतलब प्रोडक्शन एक्टिविटी में विस्तार होना है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। जानकारों की बात की जाए तो आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में और भी तेजी आ सकती है। इसका कारण एसएमई को दिया जाने वाला बूस्टर डोज है। जो देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे लाने में योगदान देगा।
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा है कि जनवरी के महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 6 महीने के हाई लेवल पर पहुंच गया है। लोकल और एक्सपोर्ट डिमांड मजबूत रही है, जिससे नए ऑर्डर में बढ़त का समर्थन मिला है। वस्तु प्रोड्यूसर ने नए ऑर्डरों में पर्याप्त बढ़त का श्रेय बेहतर लोकल डिमांड और इंटरनेशनल सेल्स में बढ़त आयी है। इसके बाद, भारत में मैन्युफैक्चरिंग ने प्रोडक्शन की क्वांटिटी को बढ़ाना जारी रखा है। ये बढ़त अक्टूबर 2024 के बाद से सबसे तेज है।
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कंपनियां आने वाले समय में प्रोडक्शन की संभावनाओं को लेकर आशावादी रह सकती हैं। तकरीबन 32 फीसदी कंपनियों ने बढ़ोतरी का अनुमान लगाया और सिर्फ 1 फीसदी ने कमी आने की आशंका जाहिर की है। प्राइस के मोर्चे पर, कॉस्ट प्रेशर 11 महीनों में सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया लेकिन डिमांड में तेजी के कारण सेल्स प्राइस में मजबूती से बढ़त हुई है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने लगभग 400 मैन्युफैक्चरर के एक ग्रुप में पर्सेंच मैनेजर को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।