पर्सनल लोन के नफा-नुकसान। इमेज-एआई
Personal Loan Ke Fayde Aur Nuksan: शादी का खर्च, घर का रिनोवेशन, मेडिकल इमरजेंसी या अचानक बड़ा खर्च। जेब में पैसे कम हो तो सबसे पहले दिमाग में आता है पर्सनल लोन। बिना गारंटी, बिना गिरवी रखे, 24 घंटे में खाते में पैसे। ये सुविधा सचमुच लाइफ सेवर लगती है। मगर, क्या ये हमेशा सही होता है? हर साल लाखों लोग पर्सनल लोन लेते हैं, लेकिन बाद में ऊंची ब्याज दरें, EMI का बोझ और क्रेडिट स्कोर पर असर देखकर पछताते हैं।
सवाल ये है कि पर्सनल लोन लेना फायदे का सौदा या नुकसान का जाल है? आप पर्सनल लोन लेने का सोच रहे तो इससे जुड़ी जरूरी बातें और नफा-नुकसान समझना बेहद जरूरी है। इससे आपका फाइनेंशियल प्लान सुरक्षित और बैलेंस रहेगा।
तुरंत फंड की सुविधा। अचानक खर्च आने पर तत्काल अप्रूवल और उसी दिन लोन मिलना, आपके लिए बड़ा राहत हो सकता है। बिना किसी गारंटी के लोन मिलना। पर्सनल लोन के लिए आपको घर, जमीन या सोना गिरवी नहीं रखना होता। सिर्फ आपकी आय और क्रेडिट हिस्ट्री चाहिए होती है। तय EMI से आसान बजटिंग। फिक्स्ड EMI होने से हर महीने का खर्च पहले से प्लान करना होता है। आप जानते हैं कि हर महीने कितना भुगतान करना है। पैसे का इस्तेमाल जरूरत अनुसार करना।
पर्सनल लोन खास उद्देश्य से बंधा नहीं होता। इसे आप मेडिकल इमरजेंसी, शादी, यात्रा, घर की मरम्मत या अन्य जरूरत के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यह क्रेडिट स्कोर बेहतर करने में मददगार होता है। समय पर EMI चुकाने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है। इससे भविष्य में लोन लेना आसान हो जाता है।
herofincorp के मुताबिक, आपके पास कई EMI हैं तो उन्हें एक पर्सनल लोन में बदलकर केवल एक EMI चुकानी होगी। इससे बजट आसान और तनाव कम रहेगा।
ब्याज दरें ज्यादा हो सकती हैं। बिना गारंटी के लोन होने के कारण ब्याज दरें होम या कार लोन से अधिक होती हैं। EMI का बोझ अधिक होता है। एक बार EMI शुरू हो जाए तो इसे रोकना या बदलना मुश्किल होता है। आय कम या खर्च बढ़ जाए तो यह वित्तीय दबाव बढ़ा सकती है। ज्यादा लोन लेने का खतरा। आसान अप्रूवल के कारण लोग जरूरत से ज्यादा लोन लेते हैं। यह बजट और भविष्य की योजनाओं पर असर डाल सकता है।
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प्रोसेसिंग फीस, फ़ोरक्लोज़र चार्ज या इंश्योरेंस प्रीमियम जैसी अतिरिक्त चार्ज जुड़ सकती हैं। ऐसे में दस्तावेज ध्यान से पढ़ें। क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ेगा। कई बार लोन के लिए आवेदन करना या EMI चूकना क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है। लोन किसी विशेष उद्देश्य से न बंधा होने के कारण इसे अनावश्यक खर्चों में खर्च करना आसान हो जाता है। इससे वित्तीय अनुशासन बिगड़ सकता है।