करवा चौथ (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारत में त्योहारों की सीजन दस्तक दे चुका है, जिसके कारण देशभर के बाजारों कारोबार के लिए तैयार हो गए हैं। इस बार रविवार को करवा चौथ का त्योहार भी आने वाला है, जिससे देश की इकोनॉमी को सीधा असर होता नजर आ सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल करवा चौथ के मौके पर देशभर में करीब 22,000 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।
जीवनसाथ की लंबी आयु के लिए मनाया जाने वाला ये एक पारंपारिक त्योहार हैं, जिसे पूरे देश की महिलाएं उत्साह के साथ मनाती है। अपने पति की लंबी आयु के लिए इस दिन महिलाएं उपवास रखती है। इस बार उम्मीद की जा रही है कि ये त्योहार पर होने वाले खर्च का इस साल 15,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है। जिससे देश की आर्थिक हालात में बढ़त हो सकती है।
सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने ये जानकारी दी है कि ये त्योहार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूलमंत्र “वोकल फॉर लोकल” एकदम परफेक्ट साबित हो सकता है। ऐसा करने से लोकल कारोबारियों को काफी फायदा हो सकता है। पिछले हफ्ते से ही देश भर के बाजारों में करवाचौथ और बाकी त्योहारों की खरीदारी के लिए चहल पहल देखी जा रही है। इस त्योहार के लिए महिलाएं कपड़े, गहने, मेकअप और गिफ्ट आइटम पूजा की सामग्री की जोरदार खरीदी कर रही है।
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दिल्ली, जो भारत के सबसे बड़े बाजारों में सें एक है। उम्मीद की जा रही है कि करवाचौथ के चलते देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में बढ़त हो सकती है। बताया जा रहा है कि इस अवसर पर सेल्स का आंकड़ा 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
करवाचौथ पर ज्वेलरी, पारंपारिक कपड़े, मेकअप, साड़ियां, करवा बर्तन, दिया बाती और छलनी जैसी वस्तुओं को खरीदने की होड़ लगी हुई है। इसके अलावा महिलाएँ लाल चूड़ियां, पायल, पैर की बिछिया और भी अन्य वस्तुओं को खरीदने के लिए मार्केट में भीड़ लगी हुई देखी जा सकती है। साथ ही इस त्योहार में मेहंदी के कारोबार में भी काफी तेजी देखी जा सकती है।