लगातार 6वें महीने में घटा भारत के वनस्पति तेल का इंपोर्ट, घटकर पहुंचा 11.87 लाख टन पर
भारत के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक अच्छी खबर सामने आ रही है। एसईए की हाल ही में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार ये जानकारी मिली है कि लगातार 6वें महीने में ऑयल इंपोर्ट में कमी आयी है।
नई दिल्ली : उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन यानी एसईए ने गुरूवार को वनस्पति तेल के इंपोर्ट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के वनस्पति ऑयल इंपोर्ट में मई के महीने में लगातार 6वें महीने में भी कमी आयी है और ये घटकर 11.87 लाख टन रह गया है। इन आंकड़ों में पिछले साल मई के महीने के मुकाबले में हुए इंपोर्ट में 22.37 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
इसके साथ ही, SEA ने कहा कि हालिया इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती से इंपोर्ट की टोटल क्वांटिटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एडिबल और नॉन एडिबल दोनों तरह के तेलों समेत टोटल वेजिटेबल ऑयल इंपोर्ट पिछले साल के मई महीने में 15.29 लाख टन था।
वनस्पति तेल मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की नवंबर के अक्टूबर के पहले 7 महीनों के दौरान कुल vegetable oil import एक साल पहले की इसी अवधि के 86.78 लाख टन से घटकर 78.84 लाख टन रह गया। 30 मई को सरकार ने Palm, Soyabean और Sunflower के कच्चे तेलों पर ओरिजिनल इंपोर्ट ड्यूटी को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था, जिससे कुल इंपोर्ट ड्यूटी 27.5 प्रतिशत से घटकर 16.5 प्रतिशत रह गयी है। SEA ने कहा है कि इस कदम से एडिबल ऑयल इंपोर्ट की कुल मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इससे एडिबल ऑयल की कीमतों पर कोई दबाव पड़ने की संभावना नहीं है।
इसने कहा कि कच्चे तेल पर Import Duty कम करने के सरकार के इस कदम से Refined Palm Oil के इंपोर्ट में कमी आएगी और डिमांड वापस कच्चे पाम तेल की ओर बढ़ने लगेगी, जिससे लोकल रिफाइनिंग सेक्टर नई जान आ जाएगी। इसके विपरीत, कच्चे तेल पर टैरिफ में कमी से घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे कंज्यूमर्स को फायदा होगा। एसोसिएशन ने सदस्यों से ड्यूटी में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की अपील की है।
SEA के आंकड़ों के अनुसार, May में Palm Oil का इंपोर्ट 22.32 प्रतिशत घटकर 5.92 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले 7.63 लाख टन था, जबकि कच्चे पाम तेल की खेप 5.03 प्रतिशत घटकर 5.05 लाख टन रह गई। सॉफ्ट ऑयल में सोयाबीन तेल का इंपोर्ट 23 प्रतिशत घटकर 3.98 लाख टन रह गया, जबकि सूरजमुखी तेल का इंपोर्ट 55.30 प्रतिशत घटकर 1.83 लाख टन रहा।
पिछले 7 महीने में Palm Oil के योगदान में 58 प्रतिशत की कमी आकर 42 प्रतिशत रह गई, जबकि Soft Oil की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत हो गई थी। दुनिया के सबसे बड़े Edible Oil Consumer And Importer Country, भारत के पास 1 जून तक 13.33 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक था।
एसईए ने कहा है कि नेपाल से हर महीने लगभग 60,000 से 70,000 टन Refined Edible Oil का इंपोर्ट भारत के समग्र इंपोर्ट और इस तरह स्टॉक की स्थिति पर असर डालता है। इंडोनेशिया और मलेशिया भारत के प्रमुख पाम ऑयल सप्लायर हैं, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस सोयाबीन तेल की सप्लाई करते हैं। रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के मुख्य सप्लायर हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Indias vegetable oil imports fell for the sixth consecutive month to 1187 lakh tonnes in may