भारतीय फार्मा मार्केट में जुलाई में 7.9% उछाल, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Indian Pharma Market: इस साल जुलाई महीने में भारतीय फार्मा मार्केट (IPM) में 7.9% की वृद्धि दर्ज की गई है। खास तौर पर हृदय और मधुमेह-रोधी थेरेपी सेगमेंट में बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। यह जानकारी हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में सामने आई है। मार्केट रिसर्च कंपनी फार्मारैक की रिपोर्ट के अनुसार, हृदय उपचार और मधुमेह-रोधी दवाओं के मूल्य में क्रमशः 14.1% और 9% की बढ़ोतरी हुई है, जो पूरे घरेलू फार्मा बाजार का लगभग 25% हिस्सा हैं।
यूरोलॉजी और एंटीनियोप्लास्टिक जैसे कई प्रमुख सेगमेंट्स ने भी दोहरे अंकों में मूल्य वृद्धि हासिल की है। वहीं, सांस से जुड़े (रेस्पिरेटरी) सेगमेंट की कीमतों में भी 9.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। फार्मारैक की उपाध्यक्ष (कमर्शियल) शीतल सपाले के अनुसार, जुलाई माह में नए उत्पादों के लॉन्च और कीमतों में वृद्धि की वजह से अधिकतर उपचार क्षेत्रों में बाजार में तेजी देखने को मिली है।
सपाले ने यह बताया कि मुख्य उपचार वर्गों में सिर्फ हृदय रोग और संक्रमण-रोधी दवाओं की बिक्री में ही मजबूती आई है, जबकि मधुमेह-रोधी दवाओं के क्षेत्र में नए उत्पादों के लॉन्च होने से वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीएलपी-1 एगोनिस्ट बाजार में लगातार सकारात्मक विकास देखने को मिल रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सेमाग्लूटाइड और टिरज़ेपेटाइड इस बाजार की तेजी से विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सेमाग्लूटाइड को रायबेलसस (ओरल) और वेगोवी (इंजेक्शन के रूप में) के नाम से मार्केट किया जाता है, जबकि टिरज़ेपेटाइड को मौनजारो ब्रांड के तहत बेचा जाता है। ये दोनों इंजेक्शन वाली दवाएं मुख्य रूप से टाइप 2 मधुमेह के उपचार और वजन कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
सपाले ने बताया कि जुलाई में बाजार में तेजी देखने को मिली है, जो मुख्यतः दोनों नए लॉन्च हुए ब्रांडों के जोरदार प्रचार के कारण हो सकता है। हालांकि, तिरजेपेटाइड के आने से सेमाग्लूटाइड (रायबेलसस) की बिक्री पर असर पड़ा था, लेकिन वेगोवी अब इस अणु को मजबूत बिक्री के साथ फिर से लोकप्रिय बना रहा है।
यह भी पढ़ें- चांदी की कीमत में हुआ जबरदस्त इजाफा, महीने के अंत तक ₹1,21,000 किलो तक जा सकता है भाव, जानें वजह….
इसके अलावा, रिपोर्ट में उन रणनीतिक क्षेत्रों पर भी फोकस किया गया है जो भारतीय फार्मा उद्योग की तेजी से बढ़ती विकास दर को बढ़ावा दे रहे हैं। इनमें बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर सेक्टर भी शामिल हैं, जो भारतीय फार्मा उद्योग की तस्वीर बदल रहे हैं। सपाले ने बताया कि बायोसिमिलर का बाजार वर्तमान में लगभग 3,900 करोड़ रुपए का है और यह पिछले पांच वर्षों में सालाना 15 प्रतिशत की दर से लगातार बढ़ रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)