आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ( प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी के विजन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को पंख लग गए हैं। स्किल डेव्हलप्मेंट और बदलती टेक्नोलॉजी में निपुण युवाओं के कारण भारत इस सेक्टर में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 10 सालों में इस दिशा में लगातार ऐसा काम किया जा रहे कामों का रिजल्ट दिखायी देने लगा है। ये भी एक कारण है कि ‘फ्यूचर ऑफ वर्क’ यानी भविष्य की एडवांस टेक्नोलॉजी वाली नौकरियों की डिमांड वाली स्किल्स के मामले में भारत कितना तैयार है। आपको जानकारी दें कि फ्यूचर ऑफ वर्क के मामले में भारत जॉब सेक्टर में लीडिंग मार्केट में से एक बन गया है।
क्यूएस वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स में भारत को प्रमुख स्टैंडर्ड्स के प्लेसमेंट का साथ 27वां पायदान हासिल हुआ है। साथ ही स्किल फीट में भारत 37वें, एकेडमिक प्रिपरेशन के मामले में 26वें और आर्थिक परिवर्तनों यानी इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन के मामले में भारत 40वें स्थान पर हैं।
फ्यूचर ऑफ वर्क की कैटेगरी में भारत दूसरे पायदान पर रहा है। ये साफ तौर पर ये दिखाता है कि भारत में स्किलिंग मिशन की दिशा में पिछले 10 साल में कितना तेज रफ्तार से काम हुआ है। इस सूचकांक में 190 से ज्यादा देशों, 280 मिलियन से ज्यादा जॉब पोस्टिंग, 5,000 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज और 17.5 मिलियन रिसर्च पेपर्स का विश्लेषण किया गया है।
भारत ने अपने वर्कफोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई को इंटीग्रेट करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया है। क्यूएस के विश्लेषण में भारत ने कई देशों से एक कदम आगे बढ़कर एआई, ग्रीन टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने हुए शानदार काम करके दिखाया है, जो भारत की इस दिशा में तेजी और महत्वकांक्षा को दिखाता है।
मेटैओ क्वाक्वारेली एजुकेशन रिफॉर्म यानी एजुकेशन सेक्टर में सुधार और तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी की स्किल्य को अपनाने पर जोर दे रहे हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर ये पता चल रहा है कि भारत वर्तमान समय में तेजी से फैल रहे ग्लोबल चैलेंजेंस के बाद भी एशिया प्रशांत क्षेत्र में ‘वेंचर कैपिटल’ के लिए दूसरी सबसे बड़ी पोजिशन पर बना हुआ है। हालांकि क्यूएस रिपोर्ट में ये भी कहा जा रहा है कि भारत में एजुकेशन सिस्टम में अभी और भी ज्यादा सुधार की जरूरत है।
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