चीन-भारत व्यापार
नई दिल्ली: भारत ने एक घरेलू कंपनी की शिकायत के बाद चीन से एलएनजी ईंधन टैंक की कथित डंपिंग की जांच शुरू की है। वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) ईंधन टैंकों की डंपिंग की जांच कर रहा है। इसके आयात से कथित तौर पर घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है।
आइनॉक्स इंडिया लिमिटेड ने डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की अपील करते हुए एक आवेदन दायर किया है। इसमें कहा गया है कि सस्ते आयात से घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है। इन टैंकों का इस्तेमाल ट्रक जैसे बड़े वाहनों में मीथेन गैस को रखने और ले जाने के लिए किया जाता है।
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DGTR क्या करता है
डीजीटीआर ने अधिसूचना में कहा कि घरेलू उद्योग के आवेदन के आधार पर और विषयगत वस्तुओं की डंपिंग के बारे में घरेलू उद्योग द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया संतुष्ट होने के बाद प्राधिकारी डंपिंग रोधी जांच शुरू करता है। घरेलू कंपनियों को डंपिंग से नुकसान होने की बात साबित होने पर डीजीटीआर इन आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है।
वित्त मंत्रालय लेता है अंतिम फैसला
शुल्क लगाने का अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय लेता है। डंपिंग-रोधी जांच विभिन्न देशों द्वारा यह पता लगाने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान तो नहीं पहुंच रहा। भारत ने चीन समेत विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है। वित्त वर्ष 2023-24 में इन टैंकों का आयात 9.36 करोड़ अमेरीकी डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में यह 4.27 करोड़ डॉलर रहा है।