सैमसंग Vs एप्पल (सौ. सोशल मीडिया )
ट्रंप के टैरिफ पॉलिसी के खतरे से बचने के लिए कई कंपनियों ने चीन से अपने प्रोडक्शन को अन्य देशों में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। इसी को लेकर एक मीडिया ग्रुप ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि सैमसंग इंडिया में अपने ग्लोबल वॉल्यूम के अनुसार एप्पल से ज्यादा स्मार्टफोन असेंबल करता है। क्या आप इस बात को सुनकर हैरान है?
जानकारी के अनुसार, सैमसंग और एप्पल दोनों ही गैजेट्स की दुनिया के दिग्गज हैं, लेकिन भारत में स्मार्टफोन बनाने की होड़ में सैमसंग ने बाजी मार ली है। आइए जानते हैं कि कैसे सैमसंग ने एप्पल को पछाड़ दिया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसएंडपी ग्लोबल की एक स्टडी रिपोर्ट में ये बात पता चली है कि मौजूदा वित्त वर्ष में सैमसंग ने अपने ग्लोबल स्मार्टफोन असेंबली का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत में पूरा किया है। साथ ही एप्पल का इस मामले में योगदान सिर्फ 15 प्रतिशत का रहा था यानी सैमसंग इंडिया में एप्पल से डेढ़ गुना ज्यादा स्मार्टफोन बना रहा है। भारत जिसे पहले महज स्मार्टफोन खरीदने वाला देश माना जाता था, वही अब टेक कंपनियों के लिए मैन्यूफैक्चरिंग के सबसे बड़े हब में से एक है। हालांकि मन में एक सवाल जरूर आता है कि जितनी तारीफ एप्पल की होती है, उतनी सैमसंग की क्यों नहीं होती है?
अगर बात की जाए, तो सैमसंग के ग्लोबल ऑपरेशन्स की, तो भारत भले ही उनके लिए जरूरी हो, लेकिन उनका सबसे बड़ा असेंबली हब वियतनाम हैं। वियतनाम में सैमसंग अपने ग्लोबल स्मार्टफोन का 55 प्रतिशत हिस्सा बनाता है। जिसका सीधा मतलब है कि भारत अभी वियतनाम से पीछे हैं। इस लिस्ट ब्राजील तीसरे नंबर पर हैं, जहां सैमसंग 12 प्रतिशत फोन असेंबल करता है। इससे एक बात साफ हो गई है कि सैमसंग का ग्लोबल प्रोडक्शन भारत, वियतनाम और ब्राजील में फैला हुआ है। हालांकि ये भी है कि भारत में सैमसंग का फोकस ज्यादा बढ़ रहा है, जो कि भारत के लिए काफी अच्छी खबर है।
साथ ही एप्पल की बात की जाए, तो उनके लिए अभी भी चीन सबसे बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बना हुआ है। एसएंडपी ग्लोबल की ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल के 75 प्रतिशत से ज्यादा आईफोन अभी भी चीन में ही बनते हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में एप्पल ने भारत में प्रोडक्शन बढ़ाया है, लेकिन चीन के प्रति उसका मोह अब भी बरकरार है।