(कॉन्सेप्ट फोटो)
Crypto Investment In India: दुनिया के साथ-साथ अब भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट काफी तेजी के साथ बढ़ रहा है। हाल ही में भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन से 437 करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन किया, जो इस बात का ठोस सबूत है कि अब देश के लोगों में क्रिप्टो में निवेश करने की होड़ मची है। लेकिन, इसी बीच एक यह भी खबर सामने आई, जहां भारतीय क्रिप्टो एक्सजेंच कॉइनडीसीएक्स के अकाउंट से 368 करोड़ रुपये की सेंधमारी हो गई।
इस घटना ने एक साल पहले हुए वजीरएक्स हैक की याद दिला दी। हालांकि, कॉइनडीसीएक्स ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है। कंपनी अब रिजर्व फंड से नुकसान की भरपाई करेगी। भविष्य में सिस्टम में खामियों का पतला लगाने के लिए के बग बाउंटी प्रोग्राम की भी प्लानिंग है।
भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि ग्राहकों का पैसा सेफ कोल्ड वॉलेट में है। कंपनी के मैनजमेंटे ने दावा किया है कि इसे हैक करना बेहद ही मुश्किल है। ट्रेडिंग डिपॉजिट और निकासी में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। हालांकि, कुछ ग्राहकों को उनके फंड निकालने में समस्या आई है, जिसे कॉइनडीसीएक्स ने नॉन-बैकिं ऑवर में ज्यादा निकासी का नतीजी बताया है। वहीं, जानकारी देने में 17 घंटे की देरी को लेकर कंपनी की काफी आलोचना हुई है।
आपको बता दें कि कॉइनडीसीएक्स के अकाउंट्स हैक होना वजीरएक्स में हुई चोरी से काफी अलग है। वजीरएक्स मामले में मौजूदा समय के रेट के अनुसार करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। लेकिन, इस घटना में ग्राहकों का फंड सीधे रूप से प्रभावित हुआ था, जबकि कॉइनडीसीएक्स ने कहा है कि उनके ऑपरेशन में कोई समस्या नहीं आई।
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भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स की घटना इंडियन इंवेस्टर के लिए एक बड़ी सीख है। देश के अंदर अब भी क्रिप्टो ट्रेडिंग अनरेगुलेट है। विशेषज्ञों की सलाह है कि पूरी तरह से कंट्रोल के लिए ऑफलाइन, हार्डवेयर, कोल्ड वॉलेट जैसे सेल्फ-कस्टडी ऑप्शंस पर विचार किया जाना चाहिए। विशेषज्ञ मजबूत पासवर्ड और मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का भी सुझाव देते हैं। यह घटना रियल टाइम निगरानी, सख्त स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट ऑडिट और पारदर्शी व्यवस्था की जल्द जरूरत को उजागर करती है।