माधवी पुरी बुच (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर आरोपों की बौछार कर दी है। इन नए आरोपों में इस रिसर्च कंपनी ने सेबी प्रमुख पर ‘अनुचित व्यवहार, हितों के टकराव और बाजार नियामक के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए कंपनियों से भुगतान स्वीकार करने’ की बात कही थी, जिसपर पुरी ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। सेबी प्रमुख की इसी चुप्पी पर हिंडनबर्ग ने सवाल उठाए है।
हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में अदाणी समूह पर स्थानीय बाजार नियमों से बचने के लिए कर पनाहगाह क्षेत्रों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। शोध-निवेश कंपनी ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि अदाणी समूह के खिलाफ धीमी जांच के पीछे बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन बुच के पिछले निवेश और सौदे हो सकते हैं। हालांकि, बुच और अदाणी समूह ने पिछले महीने के आरोपों से इनकार किया था, लेकिन विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने हाल के दिनों में सेबी प्रमुख के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस का कहना है कि एक ऐसी कंपनी में 99 प्रतिशत शेयर रखना जो ‘आज तक सक्रिय रूप से सलाहकार/परामर्श सेवाएं प्रदान कर रही है’ और उनके पति धवल बुच द्वारा उन कंपनियों से आय अर्जित करना अनुचित है, जिनका निर्णय उनके द्वारा किया जा रहा था। बुच ने अभी तक आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वह बृहस्पतिवार को मुंबई में ‘एनबीएफआईडी इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव’ में जाने वाली थीं लेकिन उन्होंने बाद में वहां जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। बुच को सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में बुलाया गया था।
हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्श कंपनी, जिसका 99 प्रतिशत स्वामित्व सेबी प्रमुख माधबी बुच के पास है, ने सेबी द्वारा विनियमित कई सूचीबद्ध कंपनियों से सेबी पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भुगतान स्वीकार किया। इन कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ. रेड्डीज और पिडिलाइट शामिल हैं।”
New allegations have emerged that the private consulting entity, 99% owned by SEBI Chair Madhabi Buch, accepted payments from multiple listed companies regulated by SEBI during her time as SEBI Whole-Time Member.
The companies include: Mahindra & Mahindra, ICICI Bank, Dr.…
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) September 11, 2024
हिंडनबर्ग ने कहा कि इसमें कहा गया है कि ये आरोप ‘बुच की भारतीय परामर्शदाता इकाई पर लागू होते हैं, जबकि बुच की सिंगापुर स्थित इकाई के बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं दिया गया है।’ हिंडनबर्ग ने कहा कि ‘बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी बनाए रखी है।’
हिंडनबर्ग ने 11 अगस्त को आरोप लगाया था कि बुच ने पहले भी एक विदेशी कोष में निवेश किया था, जिसका इस्तेमाल अदाणी समूह द्वारा भी किया गया था। बुच और उनके पति ने इन आरोपों से इनकार किया था। इसके बाद से कांग्रेस और जी समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने उन पर आरोप लगाए हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)