निर्मला सीतारमण, (केंद्रीय वित्त मंत्री)
Finance Minister Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि जीएसटी 2.0 सुधारों के तहत गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स रेट में कटौती से उपभोक्ताओं को 2 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी, जिससे आम लोगों के हाथों में बचत या अतिरिक्त खर्च के लिए अधिक पैसा बचेगा। नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स पर एक आउटरीच एंड इंटरेक्शन प्रोग्राम में वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद के फैसलों का उद्देश्य उपभोक्ताओं के ऊपर से टैक्स का बोझ कम करना और अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी में सुधार लाना था।
वित्त मंत्री ने कहा कि 99 प्रतिशत वस्तुएं अब 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आ गई हैं, जो मीडिल क्लास और गरीबों के लिए फायदेमंद होगा। लेटेस्ट सुधार जीएसटी स्ट्रक्चर के एक बड़े सरलीकरण का प्रतीक हैं। पहले की 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दरों को हटाकर, 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्लैब सिस्टम में बदलाव के परिणामस्वरूप टैक्स कम हुए हैं और स्ट्रक्चर अधिक पारदर्शी हुई है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये सुधार कृषि संबंधी वस्तुओं पर टैक्स कम कर और कृषि आधुनिकीकरण को बढ़ावा देकर किसानों की आय को भी बढ़ाएंगे। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि एमएसएमई और रोजगार सृजन क्षेत्रों को भी लागत कम होने और बेहतर अवसर प्रदान करने से लाभ होगा। उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी सुधार क्रय शक्ति को बढ़ाएंगे और देश भर के आम आदमी की बचत में योगदान देंगे।
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी बताया कि जीएसटी रेवेन्यू 2018 के 7.19 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जबकि कर का भुगतान करने वाली संस्थाओं की संख्या पहले के 65 लाख से दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है।
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बड़ा बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपने और दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं। 22 सितंबर से प्रभावी, जीएसटी सुधार टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाते हैं और आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं। वित्त मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह ऐतिहासिक टैक्स सुधार प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाएगा और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।