क्रिप्टोकरेंसी, (सोर्स-सोशल मीडिया)
Income Tax From Crypto: दुनिया में काफी तेजी से बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत सरकार ने एक अहम जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी/ वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से होने वाले मुनाफे पर वित्त वर्ष 2023-24 में 437.43 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स वसूला गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक है।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में वर्चुअल डिजिटल एसेट से होने वाली आय पर 269.09 करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन हुआ। यह 2023-24 में बढ़कर 437.43 करोड़ रुपये हो गया। चौधरी ने कहा कि 2024-25 के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि इस वर्ष के लिए इनकट टैक्स रिटर्न दाखिल करने की ड्यू डेट अभी नहीं बीती है।
भारत में वर्तमान में क्रिप्टो को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है, सरकार ने अप्रैल 2022 से VDA की बिक्री से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत का एक समान टैक्स लागू किया है और इन परिसंपत्तियों की बिक्री से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय से समायोजित या आगे ले जाने की अनुमति नहीं है। हालांकि, बाद में जुलाई 2022 से क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लागू हो गई।
सरकार वर्चुअल डिजिटल एसेट से संबंधित लेनदेन से टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए डेटा एनालिटिक्स टूल का उपयोग कर रही है। राज्य वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इस विश्लेषण में नॉन-फाइलर मॉनिटरिंग सिस्टम (NMS), प्रोजेक्ट इनसाइट और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंतरिक डेटाबेस का उपयोग शामिल है, ताकि वीडीए लेनदेन पर उपलब्ध जानकारी को टैक्सपेयर्स द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न में बताए गए लेनदेन से जोड़ा जा सके।
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पंकज चौधरी ने आगे बतया कि आयकर रिटर्न में दाखिल वीडीए लेनदेन का वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (वीएएसपी) द्वारा दाखिल की गई जानकारी से वास्तविक समय में मिलान नहीं हो पा रहा है, वहीं क्रिप्टो लेनदेन की रिपोर्टिंग में किसी भी गड़बड़ी की पहचान करने के लिए इन सेवा प्रदाताओं के टीडीएस रिटर्न और टैक्सपेयर्स द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न का विश्लेषण किया जा रहा है।