सोने और चांदी का आज का भाव (सोर्स- डिजाइन)
Gold-Silver Rate Today In India: देशभर के सर्राफा बाजारों में इस सप्ताह कीमती धातुओं की चमक बढ़ी हुई नजर आ रही है। सोने की कीमतों में जहां मामूली लेकिन निरंतर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, वहीं चांदी ने अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वैश्विक संकेतों और डॉलर की स्थिति के बीच घरेलू मांग ने भी कीमतों को सहारा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे बदलावों का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ रहा है।
साप्ताहिक आधार पर सोने की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सिलसिला बरकरार है। इस बार 24 कैरेट गोल्ड की कीमत में 260 रुपये प्रति 10 ग्राम की मजबूती आई है, वहीं 22 कैरेट गोल्ड भी करीब 250 रुपये महंगा हुआ है। 21 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव 1,34,330 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने का हाजिर भाव 4,322.51 डॉलर प्रति औंस के आसपास बना हुआ है, जिससे स्थानीय बाजारों में तेजी को बल मिल रहा है।
सोने की तुलना में चांदी की कीमतों में इस सप्ताह बंपर तेजी देखने को मिली है। महज एक सप्ताह के भीतर चांदी के दाम 16,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक चढ़ गए हैं। वर्तमान में चांदी का भाव 2,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर है। विदेशी बाजारों में चांदी का हाजिर भाव 65.85 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस साल अब तक चांदी की कीमतों में लगभग 126 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की जा चुकी है, जिसने निवेशकों को हैरान कर दिया है।
देश के विभिन्न महानगरों में सोने की कीमतों में मामूली अंतर देखा जा रहा है। दिल्ली, लखनऊ, जयपुर और चंडीगढ़ में 24 कैरेट सोना 1,34,330 रुपये पर बिक रहा है। वहीं मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,34,180 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
22 कैरेट सोने की बात करें तो दिल्ली और लखनऊ में यह 1,23,150 रुपये के स्तर पर है, जबकि मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में इसका भाव 1,23,000 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा है।
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कीमतों में इस उछाल के पीछे अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बयानों को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने ब्याज दरों में कटौती का समर्थन किया है, जिससे निवेशकों का रुझान सोने-चांदी की ओर बढ़ा है।
अमेरिकी श्रम डेटा में नरमी के संकेतों ने यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी पॉलिसी मेकर सावधानी से आगे बढ़ेंगे। इन अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक और आर्थिक बदलावों के कारण सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है, जिससे कीमतों में लगातार दबाव बना हुआ है।