इन्वेस्ट कर्नाटक 2025 (सौ. सोशल मीडिया )
बेंगलुरु : ग्लोबल दिग्गज कंपनियां एयरबस, रॉल्स रॉयस, कोलिन्स एयरोस्पेस और सफ्रान जैसी कंपनियों ने भारत में इंपोर्ट बढ़ाने के बारे में सोचा है। इन चारों कंपनियों के प्रमुख अधिकारियों ने गुरूवार को इस बात की जानकारी दी हैं।
‘ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट – इन्वेस्ट कर्नाटक-2025′ के दौरान ‘भारत का मूल: ग्लोबल एएंडडी सोर्सिंग के भविष्य को आकार देना’ विषय पर समूह चर्चा में उन्होंने ग्लोबल स्पेस टेक्नोलॉजी और डिफेंस सप्लाई चेन में भारत की संभावनाओं पर विश्वास व्यक्त किया है। एयरबस के इंटरनेशनल ऑपरेटशन हेड माइकल नार्ची ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत में इस सेक्टर ने जो परिपक्वता हासिल की है, वह ‘अविश्वसनीय और आश्चर्यजनक है।
उन्होंने कहा कि एयरबस भारत के साथ अपनी पार्टनरशिप का लाभ उठाने के लिए उत्सुक है। नार्ची ने कहा है कि अगर मैं सप्लाई चेन के मामले में 5 साल पहले की स्थिति और आज की स्थिति की तुलना करूं, तो पिछले 5 साल में इस पार्टनरशिप की मात्रा दोगुनी हो गई है। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत एयरबस की समग्र सप्लाई चेन में एक अरब यूरो से ज्यादा का योगदान देता है।
सफ्रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के परिचालन के कार्यकारी उपाध्यक्ष जीन-नोएल माहियू ने भारत के साथ कंपनी की पार्टनरशिप को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया। रोल्स रॉयस के ‘एयरोस्पेस प्रोक्योरमेंट’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ह्यू मॉर्गन ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य भारत के साथ अपने लॉन्ग टर्म संबंधों का विस्तार करना है। उन्होंने कहा है कि हम अगले पांच सालों में इस सेक्टर में अपना इंपोर्ट दोगुना करना चाहते हैं।
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कोलिन्स एयरोस्पेस के इंजीनियरिंग उपाध्यक्ष सव्यसाची श्रीनिवास के अनुसार, कोलिन्स भारत से सालाना लगभग 50 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट करता है। उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ सालों में इसमें उल्लेखनीय बढ़त होगी। एयरोस्पेस इंडिया एसोसिएशन के महानिदेशक और एयरबस इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ और प्रबंध निदेशक यानी एमडी श्रीनिवासन द्वारकानाथ ने कहा कि बोइंग और एयरबस, दोनों ने अपने ग्लोबल मार्केट पूर्वानुमान में कहा है कि अगले 20 सालों में 42,000 से ज्यादा नए एयरक्राफ्ट्स की डिमांड होगी। उन्होंने कहा है कि भारत ने बड़ी संख्या में एयरक्राफ्ट्स का ऑर्डर दिया है, जिससे ग्लोबल सप्लाई चेन में भी तेजी आएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)