निर्मला सीतारमण (फोटो- सोशल मीडिया)
Apartment Maintainance Charge: अगर आप भी किसी हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं, तो आपको भी हर महीने मेंटेनेंस चार्ज देना होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि अपार्टमेंट के मेंटेनेंस चार्ज पर जीएसटी का क्या नियम है?
हाल ही में देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इस मुद्दे पर सवाल उठने पर जवाब दिया है। निर्मला सीतारमण से सवाल पूछा गया था कि कई लोगों को जीएसटी के नियमों को लेकर असमंजस है। ऐसे में उन्हें ये समझना जरूरी है कि अपार्टमेंट के मेंटेनेंस पर जीएसटी की स्थिति क्या है?
अगर आप भी किसी ऐसी हाउसिंग सोसाइटी या अपार्टमेंट में रहते हैं, जहां आपसे मेंटेनेंस के तौर पर 7500 रुपये से कम चार्ज लिया जाता हैं, तो आपको जीएसटी नहीं भरना होगा। पहले ये लिमिट 5000 रुपये हुआ करती थी, लेकिन जीएसटी काउंसिल की सिफारिश के बाद इसे बढ़ाकर 7,500 रुपये तक कर दिया गया है।
यदि आपके अपार्टमेंट में 7,500 रुपये से ज्यादा का मेंटनेंस चार्ज देना होता है, तो ऐसे में आपको 18 परसेंट के हिसाब से जीएसटी का भुगतान करना होता है। मेंटनेंस चार्ज में सभी प्रकार के चार्ज जैसे कि सामान्य मेंटनेंस, लिफ्च चार्ज, सिक्योरिटी और क्लीनलीनेस जैसे चार्ज शामिल होते हैं।
जैसे अपार्टमेंट के मेनटेंस चार्ज को लेकर जीएसटी के नियम काफी सिंपल है, वैसे ही अपार्टमेंट एसोसिएशनों के लिए भी जीएसटी नियम काफी आसान है। अगर हाउसिंग सोसाइटी का एनुअल टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा है, तो उन्हें जीएसटी का भुगतान करना होगा। देश के कुछ चुनिंदा राज्य जैसे उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इसकी लिमिट 10 लाख तक है।
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अगर कोई अपार्टमेंट जो जीएसटी पेमेंट करने के लिए लायबल हो, फिर भी उस समय से जीएसटी का पेमेंट करने में चूक जाता है, तो ऐसे मामले में उन्हें पेमेंट करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है। जिसके कारण उन हाउजिंग सोसाइटी पर जुर्माने का भार ना आ पड़े। 8 अक्टूबर 2024 को सरकार के द्वारा इससे संबंधित सर्कुलर भी जारी किया गया था।