शेयर मार्केट, (डिजाइन फोटो)
मुंबई: भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते कंसोलिडेशन फेस में रहा है। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में करीब आधा प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक संकेत और ट्रेड वार को माना जा रहा है। लेकिन पर सवाल उठता है कि आने वाले हफ्ता बाजार के लिए कैसा रहेगा। सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत इस हफ्ते सकारात्मक नोट पर हुई थी। फार्मा, मेटल और एनर्जी शेयरों में खरीदारी देखी गई थी। हालांकि, अमेरिका द्वारा नए टैरिफ की धमकी के बाद लार्जकैप शेयरों में बिकवाली देखी गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ धमकी ने बाजारों के संटीमेंट को खराब किया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में खरीदारी देखी गई है और दोनों इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर करीब 2 प्रतिशत चढ़कर बंद हुए हैं। बाजार में अस्थिरता ऐसे समय में आई है जब पारस्परिक टैरिफ और वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर चिंताएं निवेशकों के संटीमेंट को प्रभावित कर रही हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक टैरिफ की घोषणा ने निर्यात से जुड़े उद्योगों, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया और सेक्टर का प्रदर्शन काफी खराब रहा। आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। इसकी वजह छुट्टियों के कारण छोटा कारोबारी हफ्ता और डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की मासिक एक्सपायरी होना है।
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डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल ने कहा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह अगले 3-6 महीनों में भारत में लौट सकता है। इसकी वजह लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है। उन्होंने आगे कहा कि मजबूत घरेलू मांग, डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर होने के कारण लंबी अवधि में कॉरपोरेट्स की आय में वृद्धि होने की संभावना है। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुआ था। सेंसेक्स 424.90 अंक गिरकर 75,311.06 और निफ्टी 117.25 अंक गिरकर 22,795.90 पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था ने अपनी खोई हुई गति दोबारा हासिल कर ली है। ग्रामीण मांग कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से मजबूत हो रही है, जबकि टैक्स रियायतों के चलते शहरी मांग में सुधार की उम्मीद है। इस बीच, अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भारत की विकास दर का अनुमान 0.10% बढ़ाकर 6.2% कर दिया है, जिससे बाजार में सकारात्मकता बढ़ सकती है।