Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
In Trends:
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Chhath Puja |
  • Ind vs Aus |
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

भविष्य में सीमेंट उद्योग के लिए डीकार्बोनाइजेशन ही विकल्प, 2050 तक पूर्ण डीकार्बोनाइजेशन की योजना

सीमेंट बिजनेस कार्बन कैप्चर स्टोरेज और टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि वैकल्पिक कैमिकल की अभी भी खोज की जा रही है ताकि कम कार्बन उत्सर्जन हो सके। नेट-ज़ीरो भविष्य में जगह बनाने की तलाश कर रहे सीमेंट प्लेयर्स के लिए डीकार्बोनाइजेशन सबसे अधिक आशाजनक है, जिसमें कम कार्बन वाले क्लिंकर, मिश्रण और नए सीमेंट मेटेरियल शामिल हैं।

  • By विजय कुमार तिवारी
Updated On: Oct 14, 2024 | 06:34 PM

सीमेंट उद्योग के लिए डीकार्बोनाइजेशन (कांसेप्ट फोटो- सौ. से सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नई दिल्ली : सीमेंट उद्योग आधुनिक समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और वर्तमान में वैश्विक स्तर पर लगभग 7% और यूरोपीय संघ के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के 4% के लिए जिम्मेदार है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा और कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल में यूरोपीय संघ ने सीमेंट इंडस्ट्री के लिए साल 2030 से 2050 तक जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कुछ बदलाव किए हैं, जिसमें प्रोडक्शन सिस्टम को डीकार्बोनाइज करना एक विकल्प है। सीमेंट बिजनेस कार्बन कैप्चर स्टोरेज और टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि वैकल्पिक कैमिकल की अभी भी खोज की जा रही है ताकि कम कार्बन उत्सर्जन हो सके। नेट-ज़ीरो भविष्य में जगह बनाने की तलाश कर रहे सीमेंट प्लेयर्स के लिए डीकार्बोनाइजेशन सबसे अधिक आशाजनक है, जिसमें कम कार्बन वाले क्लिंकर, मिश्रण और नए सीमेंट मेटेरियल शामिल हैं।

भारत में इस पर पहले ही काम शुरु किया जा चुका है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ‘ट्रांजिशनिंग इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स’ पहल में शामिल होकर अदाणी मुंद्रा क्लस्टर का गठन किया है। इस पहल का उद्देश्य को-लोकेटेड कंपनियों के विज़न को संगठित कर, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और 2050 तक डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देना है। अंबुजा सीमेंट्स के निदेशक, करण अदाणी का मानना है कि “अदाणी मुंद्रा क्लस्टर एक एकीकृत ग्रीन हाइड्रोजन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की आकांक्षा रखता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के उन क्षेत्रों में डीकार्बोनाइजेशन करने में मदद करेगा, जिन्हें कम करना मुश्किल है, और देश की ऊर्जा आयात पर निर्भरता को घटाएगा।”

इसे भी देखें..Bahraich Violence Update: हाथ में पिस्टल लेकर सड़क पर उतरे STF चीफ अमिताभ यश, नंगी पिस्टल देख भागने लगे उपद्रवी, VIDEO हुआ वायरल

ग्रीन इन्वेस्टमेंट और बिजनेस मॉडल बनाते समय सीमेंट इकोसिस्टम को कैसे संतुलित किया जाए, यह डीकार्बोनाइजेशन ट्रेजेक्टरी से निर्धारित होगा। पिछले कुछ दशकों से सीमेंट कंपनियां अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रही हैं, जैसे ईंधन दक्षता बढ़ाना और क्लिंकर और पारंपरिक ईंधन की जगह अधिक टिकाऊ विकल्प अपनाना होगा। नए डीकार्बोनाइजेशन टेक्नोलॉजी को विकसित करने पर होने वाले बड़े निवेश ने इंडस्ट्री को इनोवेशन के विकल्प को अपनाने पर मजबूर कर दिया है।

इसे भी देखें..कांग्रेस नेता ने दिए 4 उदाहरण, जानिए कैसे ‘मेक इन इंडिया’ बन गया है ‘फेक इन इंडिया’

सीमेंट उद्योग को कार्बन मुक्त करना पहले कभी इतना महत्वपूर्ण नहीं था। वैश्विक स्तर पर, सीमेंट का ग्रीन हाउस-गैस (जीएचजी) उत्सर्जन कुल उत्सर्जन का लगभग 7% है, जो अब तक का सबसे बड़ा क्षेत्रीय कार्बन फुटप्रिंट है। सीमेंट और कंक्रीट उद्योग ने उत्सर्जन को कम करने और यहां तक ​​कि खत्म करने के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जैसे कि ग्लोबल सीमेंट और कंक्रीट एसोसिएशन (जीसीसीए) द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य साल 2020 के स्तर की तुलना में 2030 तक प्रति मैट्रिक टन सीमेंट में सीओटू में 20% की कमी और प्रति घन मीटर कंक्रीट में सीओटू में 25% की कमी लाना है। जीसीसीए ने 2050 तक पूर्ण डीकार्बोनाइजेशन का आह्वान किया है।

Decarbonisation is the only option for the cement industry

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 14, 2024 | 06:34 PM

Topics:  

  • cement industry

सम्बंधित ख़बरें

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.