Last Date For UPS Switch: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। अब कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में स्विच करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 कर दी गई है, जो पहले 30 सितंबर 2025 तय थी। कर्मचारियों की ओर से मिले अपील और नए पेंशन स्कीम की ओर कम झुकाव को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 23 लाख पात्र केंद्रीय कर्मचारियों में से केवल एक लाख ने ही अब तक यूपीएस को चुना था। इससे पहले यूपीएस को चुनने की आखिरी तारीख 30, जून 2025 थी, जिले पहले ही बढ़ाकर 30 सिंतबर किया था और एक फिर इसको आगे बढ़ाया गया है।
वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यूपीएस में हाल में ही कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं, जैसे स्विच करने का ऑप्शन, इस्तीफे या अनिवार्य रिटायरमेंट पर लाभ और टैक्स छूट आदि। ऐसे में, इन बदलावों को समझने और सही विकल्प चुनने के लिए कर्मचारियों को और समय देना जरूरी है समझा गया। इस निर्णय को वित्त मंत्री से मंजूरी मिल गई है।
एनपीएस और यूपीएस ये दोनों ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन योजनाएं हैं, लेकिन इनमें कुछ बुनियादी अंतर हैं। एनपीएस उन लोगों के लिए है जो बाजार के रिस्क लेने को तैयार हैं और संभवत: अधिक रिटर्न की उम्मीद करते हैं। यूपीएस उन लोगों के लिए बेहतर है जो एक स्थिर, निश्चित और गारंटीड पेंशन चाहते हैं और बुढ़ापे की आर्थिक सुरक्षा में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते।
एनपीएस: यह मुख्य रूप से एक सेविंग स्किम की तरह है। इसमें आपकी पेंशन की रकम स्टॉक मार्केट, बॉन्ड में निवेश होती है। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की रकम इस बात पर निर्भर करती है कि बाजार ने आपके निवेश को कितना रिटर्न दिया है। पेंशन की कोई निश्चित गारंटी नहीं है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
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यूपीएस: यह पुरानी पारिवारिक पेंशन सिस्टम जैसी है। इस प्राणली में आपको रिटायरमेंट के बाद आपके आखिरी वेतन के एक हिस्से के रूप में निश्चित और गारंटीड पेंशन मिलती है। बाजार को कोई भी उतार-चढ़ाव इस पेंशन पर असर नहीं डालता। पेंशन की रकम पहले से तय रहती है, जो पूरी जिंदगी मिलती रहेगी।