ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स (सौ. सोशल मीडिया )
Celebrities Will Not Promote Gaming And Betting Apps: केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और बैटिंग ऐप्स को कंट्रोल करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके अंतर्गत अब कोई भी मूवी स्टार, सेलिब्रिटी, स्पोर्टपर्सन या फिर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बैटिंग ऐप्स का विज्ञापन नहीं कर पाएंगे।
सरकार ने ये कदम ऑनलाइन गेमिंग को सिक्योर और जिम्मेदार बनाने के लिए उठाया है। इस नए कानून के चलते ना सिर्फ गेमिंग कंपनियों पर लगाम लगेगी बल्कि उनका प्रमोशन करने वाले सेलिब्रिटी भी अब इस कानूनी कार्रवाई में फंस सकते हैं। ये जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी कि वे जमीनी तौर पर अवैध सट्टेबाजी और जुएं के खिलाफ कार्रवाई करें।
पिछले कुछ सालों में गेमिंग ऐप कंपनियों ने हजारों करोड़ रुपये की कमाई की हैं। इनकी कमाई के बढ़ते दायरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बड़े फिल्म स्टार्स और इंफ्लुएंसर इन ऐप्स को प्रमोट करते हैं, जिससे युवा भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। अब सरकार और जांच एजेंसियों की नजर इन सेलिब्रिटीज पर रहने वाली हैं। हाल ही में एक क्रिकेटर को इसी के चलते जांच के लिए बुलाया गया था।
सरकार ने इस कानून में उन लोगों के मेंटल हेल्थ पर पड़ने वाले बुरे असर को भी ध्यान में रखा है, जो पैस लगाकर ऑनलाइन गेम खेलते हैं। सरकार का मानना है कि पैसे वाली ऑनलाइन गेमिंग, ठगी, साइबर क्राइम और धन शोधन को बढ़ावा देती है।
देश में ऑनलाइन बेटिंग और पैसे लगाकर खेले जाने वाले गेम्स के चलते अभी साफ कानूनी अंतर नहीं है। ज्यादातर गेमिंग कंपनियां अपने ऐप्स को स्किल गेम यानी टैलेंट वाले गेम बताकर बैन से बचने की कोशिश करती हैं। तामिलनाडु,आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना जैसे राज्य इन पर पूरी तरह से बैन करना चाहते हैं। तामिलनाडु सरकार का तो ये कहना है कि इन खेलों के कारण नौजवान और 18 साल से ऊपर के व्यस्क अपनी पूरी कमाई और सेविंग गंवा रहे हैं।
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देशभर के यूथ और स्टूडेंट्स इन गेमिंग ऐप्स के कारण हजारों-लाखों रुपये गंवा रहे हैं। कुछ ऐप्स प्राइस मनी का लालच देकर उन्हें फंसाते हैं। छत्तीसगढ़ के एक मंत्री ने केंद्र सरकार को इस बात की शिकायत की है कि कैसे उनके परिवार के एक बच्चे ने गेमिंग ऐप्स में बहुत सारा पैसा गंवा दिया है।