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बढ़ते युवा वर्ग को नौकरी दिलवाना साबित हो सकता है वित्त मंत्री की राह का रोड़ा

युवा वर्ग के लिए रोजगार पैदा करना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। सरकार के लिए केवल रोजगार के अवसर पैदा करना ही चुनौती नहीं है बल्कि नौकरियों की क्वालिटी मेंटेन करना सबसे गंभीर मुद्दा है।

  • By अपूर्वा नायक
Updated On: Jul 17, 2024 | 03:13 PM

युवा वर्ग के लिए रोजगार के अवसर ( सौजन्य : सोशल मीडिया )

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नई दिल्ली : एक रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि देश की अर्थव्यवस्था की गति 7 फीसदी की तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आने वाले 10 सालों में युवा वर्ग की आबादी में भी इजाफा होता देखा रहा है लेकिन इस वर्ग के लिए रोजगार पैदा करना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

इस रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि भारत को श्रम बाजार में एंट्री लेने वाले युवा वर्ग को नौकरियां दिलवाने के लिए अगले 10 सालों में तकरीबन 1.2 करोड़ नौकरियां सालाना उत्पन्न करना होगा। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत का ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत है, इस हिसाब से भारत में केवल 80-90 लाख नौकरियां ही उत्पन्न की जा सकती है।

रोजगार में हिस्सेदारी केवल 11.4 फीसदी

सरकार के लिए केवल रोजगार के अवसर पैदा करना ही चुनौती नहीं है बल्कि नौकरियों की क्वालिटी मेंटेन करना सबसे गंभीर मुद्दा है। कुछ आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि देश में अभी भी 46 फीसदी वर्कफोर्स कृषि के क्षेत्र में कार्यरत है। ये देश की जीडीपी में 20 प्रतिशत से भी कम योगदान देते है। साल 2023 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जनरेट होने वाली नौकरियों का कुल रोजगार में हिस्सेदारी केवल 11.4 फीसदी थी। यह आंकड़ा 2018 के आंकड़ों से भी कम है। इससे ये साफ पता चलता है कि ये सेक्टर अभी तक कोरोना महामारी के कारण होने वाले नुकसान से रिकवर नहीं हो पाया है।

भारत के लिए सबसे बड़ा चैलेंज

वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया द्वारा कुछ दिन पहले ही एक इंटरव्यू में बताया गया था कि भारत के लिए सबसे बड़ा चैलेंज ना सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा करना है बल्कि ऐसे सेक्टर में पूंजी निवेश को बढ़ाना है जहां श्रम की अधिक जरूरत है। उनके अनुसार बताया गया है कि लोग पूंजी ऐसे उद्योगों में ज्यादा निवेश करते है, जहां ज्यादा कर्मचारियों को काम पर नहीं रखा जाता है।

इन सेक्टरों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम

एक बड़े टीवी चैनल को इंटरव्यू देते समय पनगढ़िया ने कहा है कि समस्या नौकरी उत्पन्न करने में नहीं है, समस्या उद्योग की संरचना में है, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में। मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और पेट्रोलियम रिफाइनिंग ऐसे सेक्टर है जिसमें निवेश की पूंजी अधिक होती है, लेकिन इन सेक्टरों में कर्मचारियों की संख्या काफी कम होती है। हमारा लक्ष्य उन सेक्टर पर फोकस करने का है जिसमें पूंजी का निवेश और कर्मचारियों के रोजगार देने की श्रमता दोनों बराबर हो।

 

Providing jobs to the growing youth population can be difficult for finance minister sitaraman

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Published On: Jul 07, 2024 | 11:24 AM

Topics:  

  • Budget 2024
  • budget expectations
  • Expert Opinion
  • Share Market

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