वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (कॉन्सेप्ट फोटो- डिजाइन)
नई दिल्ली: केन्द्र की मोदी सरकार ने आम बजट 2025 में गिग वर्कर्स को बड़ा तोहफा दिया है। संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि वह एक करोड़ गिग वर्कर्स को आईडेंटिटी देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के उत्थान के उद्देश्य यह योजना लागू करने जा रही है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से अमेजन, जोमैटो और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलिवरी ब्वॉयज और ऑनलाइन टैक्सी ड्राइवर्स को फायदा पहुंचने वाला है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने पहली बार देश में गिग वर्कर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार अब गिग वर्कर्स को पहचान पत्र देगी। गिग वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत स्वास्थ्य सेवा भी मुहैया कराई जाएगी। सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार रेहड़ी-पटरी वालों और ऑनलाइन और शहरी कामगारों में निवेश करेगी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के गिग वर्कर्स को पहचान पत्र दिए जाएंगे और ई-श्रम पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए संसद में कहा कि ‘ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गिग वर्कर ‘न्यू एज’ इकोनॉमी में तेजी लाते हैं। उनके योगदान को पहचानते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनकी आईडेंटिटी के पंजीकरण के सुविधा प्रदान करेगी। इतना ही नहीं गिग वर्कर्स को पीएम जन आरोग्य योजना के तहत हेल्थ बेनिफिट्स भी मुहैया कराए जाएंगे। जिससे करीब एक करोड़ वर्कर्स को लाभ पहुंचेगा।
आपको बता दें कि इस श्रेणी में कॉन्ट्रैक्ट पर स्वतंत्र रूप से काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं। इनमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, डिलीवरी सर्विस, टैक्सी सर्विस, कॉल पर मरम्मत का काम और कई अन्य सेवाओं पर काम करने वाले लोग शामिल हैं। इन दिनों भारत में इस सेक्टर में लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। फूड डिलीवरी करने वाले या ओला उबर जैसी टैक्सी चलाने वाले लोगों को गिग वर्कर की श्रेणी में माना जाता है। बजट 2025 के बाद इन लोगों की जिंदगी बदल सकती है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में भारत में गिग वर्कर की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह ऑनलाइन कारोबार में तेजी से हो रही बढ़ोतरी है। ऑनलाइन फूड प्लेटफॉर्म और ड्राइविंग जैसे कामों में इन कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन ज्यादातर ऑनलाइन शॉपिंग सामान की डिलीवरी से जुड़े हैं, जो सुबह से देर रात तक का समय चुनते हैं।
इसके साथ ही अमेरिका की तरह अब भारत में भी ऐसे मजदूरों को ईएसआई के साथ-साथ दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। पिछले साल ही श्रम मंत्रालय ने एक मसौदा तैयार कर वित्तीय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा था। गिग और प्लेटफॉर्म लेबर एक्ट लागू होने के बाद इन कामगारों को कई तरह के लाभ मिलने लगेंगे। जैसे, उन्हें काम के बदले सुरक्षा की गारंटी मिलेगी, उनके परिजनों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। काम के घंटे तय होंगे।
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श्रम मंत्रालय आने वाले दिनों में 10 करोड़ लोगों का रजिस्ट्रेशन करेगा। खासकर ओला, उबर, अमेजन, फ्लिपकार्ट या जोमैटो जैसी कंपनियों में पार्ट टाइम जॉब करने वाले लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। मोदी सरकार नए कानून में इस बात का भी जिक्र कर सकती है कि अगर कोई व्यक्ति महीने में इन कंपनियों में कम से कम 90 घंटे, 120 घंटे या 160 घंटे काम करता है तो उसे काम के घंटों के हिसाब से ईएसआई और दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाए।