बजट 2024 (फाइल फोटो)
नई दिल्ली : केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली है। 22 जुलाई से संसद के बजट सत्र का आग़ाज होने जा रहा है। तो वहीं 23 जुलाई को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करेंगी। बजट की डेट आते ही अटकलों का बाज़ार गरमा गया है। हर तरफ से एक सवाल की गूंज सुनाई दे रही है कि इस बार का बजट कैसा होगा?
22 जुलाई को संसद में केन्द्रीय बजट पेश होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर से बजट पेश करेंगी। क्योंकि इस बार भी वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर रखी गई है। पिछले कुछ सालों में बजट से जनता को कुछ खास हाथ नहीं लगा।
यह भी पढ़ें : 23 जुलाई को पेश होगा मोदी 3.0 का पहला बजट, मिडिल क्लास को मिलेगी राहत!
पिछले बजट को ही ले लिया जाए तो उसमें नए प्रावधान लगभग न के बराबर ही थे। बाकी पुरानी योजनाओं को ही कंटीन्यू किया था। लेकिन इस बार माहौल दूसरा है। केन्द्र में सरकार भले ही एनडीए की है लेकिन संख्याबल पहले जैसा नहीं है। बजट सांख्यिकी का मसअला ज़रूर है, लेकिन इस सदन में सत्ता का संख्याबल प्रभावित करता है।
राजनीति के धंधे और धंधे की राजनीति पर पैनी नज़र रखने वाले एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार का बजट लोकलुभावन होने वाला है। सरकारी ख़जाने पर अतिरिक्त बोझ डालकर इसे मनभावन बनाने पर जोर दिया गया है। इसके पीछे वजह है लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिला संख्याबल।
यह भी पढ़ें : Budget 2024 : उम्मीदों के आईने में मोदी 3.0 का पहला बजट, चुनावी नतीजों का दिखेगा असर?
इस बार लोकसभा चुनाव में एनडीए को 293 सीटें ही हासिल हुई हैं। जबकि 2019 में एनडीए को 351 सीटें मिली थी। वहीं बात करें अकेल बीजेपी की तो वह 2014 और 2019 में अकेले दम पर भी बहुमत लाने में कामयाब रही थी। लेकिन इस बार उसे 240 सीटें ही हासिल हुई हैं।
इस बार के बजट में क्लास के हिसाब से बहुसंख्यकों को फोकस करने वाला माना जा रहा है। सीधे शब्दों में कहें तो गरीब, किसान, मजदूर और मध्यमवर्गीय नौकरीपेशा लोगों पर ध्यान दिया जाएगा। टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की छूट दी जा सकती है। पीएम किसान सम्मान निधि की धनराशि बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा मनरेगा में रोजगार के दिन और मजदूरी भी बढ़ाई जा सकती है। एमएसपी के लिए बजट में अलग से धनराशि का प्रावधान किया जा सकता है।