अनिल अंबानी, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Anil Ambani’s Business Downfall Reason: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशन और उसके डायरेक्टर अनिल अंबानी के खिलाफ 2,929.05 करोड़ रुपये के वित्तीय धोखाधड़ी मामले में एफएआईआर दर्ज कर चुकी है। शनिवार को को जांच एजेंसी ने मुंबई के कफ परेड स्थित अंबानी के आवास ‘सी विंड’ और कंपनी के परिसर में छापेमारी की। यह एक्शन भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत पर हुई, जिसने 2018 के आंकड़ों के अनुसार अपना 2,929 करोड़ रुपये का नुकसान बतया है। जबकि आरकॉम पर कुल 40,413 करोड़ रुपये का कर्ज है।
सीबीआई की एक्शन के बाद अनिल अंबानी की ओर से एक बयान सामने आया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अनिल अंबानी के आवास पर तलाशी कल दोपहर (शनिवार) जल्दी पूरी हो गई। SBI द्वारा दर्ज की गई शिकायत 10 साल से भी ज्यादा पुराने मामलों से संबंधित है। उस समय, अंबानी कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे और कंपनी के डेली मैनेजमेंट में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
देश का बड़ा कारोबारी घराना और उसके फाउंडर के दुनिया से जाने के बाद रिलायंस में हुए हुए बंटवारे में दोनों भाइयों को बराबर हिस्सा मिला, लेकिन एक कारोबार की दुनिया में तेज रफ्तार से आसमान की ओर पहुंच रहा है, जबकि दूसरा लगातार नीचे की ओर गिर रहा है। सुनने में यह किसी फिल्म की कहानी जैसी जरूर लग रही है, लेकिन यह हकीकत है। रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की निधन के बाद जून 2025 में 22.5 अरब डॉलर (करीब 99 हजार करोड़ रुपये) का कारोबार मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच बंटा। इस बंटवारे के तहत दोनो भाइयों 11.25 अरब डॉलर) 49.5 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति मिली।
अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी के हिस्से में पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनरीज आई, अनिल को टेलीकॉम, पावर, इंफ्रा और फाइनेंस कंपनियां मिलीं। साल 2008 तक अनिल मुकेश अंबानी को पीछे चोड़कर दुनिया के छठवें सबसे अमीर शख्स बन गए। संपत्ति 42 अरब डॉलर (1.68 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गई पर यह चमक ज्यादा दिन नहीं टिकी। गलत फैसलों, मंदी और 2जी स्पेक्ट्रम जैसे विवादों ने उन्हें संकट में ला दिया। अनिल के लिए 8 हाजर करोड़ रुपये का कर्ज लेकर आरकॉम में निवेश झटका बना। 2016 में जियों ने आरकॉम की हिस्सेदारी और घटाई। 2017 तक, आरकॉम दिवालिया की कगार पर थी।
ये भी पढ़ें: CBI छापे के बाद अनिल अंबानी का बयान, आरोपों से किए इनकार; साजिश के तहत एक्शन का आरोप
पावर प्रोजेक्टस में गैस की कमी और अन्य चुनौतियों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। डिफेंस और एंटरटेनमेंट जैसे नए सेक्टर में निवेश और चीनी बैंकों का 1.2 अरब डॉलर का कर्ज अनिल अंबानी की लिए मुसीबत बन गई। साल 2020 में अनिल अंबानी ने लंदन कोर्ट में अपनी नेटवर्थ शून्य घोषित कर दिया। उनकी कंपनियों पर 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था और कई कंपनियां दवालिया होने की प्रक्रिया में थीं। वहीं मुकेश अंबानी का मूल्यांकन आज 103.5 अरब डॉलर ( करीब 9 लाख करोड़ रुपये) पहुंच गया है। अनिल की नेटवर्थ सिर्फ 0.5 अरब डॉलर ) लगभग 4000 करोड़ रुपये बची है।