पत्नी अनुराधा के साथ आनंद महिंद्र
नई दिल्ली: कर्मचारियों के वर्कऑवर बढ़ाने की बहस के बीच महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा की बयान की काफी चर्चा हो रही है। दिल्ली में विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2025 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि काम में क्वालिटी जरूरी है, उसकी क्वांटिटी नहीं। इसलिए यह 48, 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे की बात नहीं है। यह काम के आउटपुट पर निर्भर करता है। अगर 10 घंटे भी काम करते हैं तो आप क्या आउटपुट दे रहे हैं? क्या आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए आनंद महिंद्रा ने आगे कहा कि काम के घंटों को बढ़ाने की बहस गलत है। मैं इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और अन्य लोगों का बहुत सम्मान करता हूं। इसलिए मुझे गलत ना समझा जाए। मुझे लगता है कि काम के घंटे बढ़ाना एक गलत बहस है। वहीं, एल एंड टी के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि मेरी पत्नी बहुत ही अच्छी हैं। मैं उनको देखता रहता हूं। बहस क्वालिटी ऑफ वर्क पर होने चाहिए क्वांटिटी पर नहीं।
आपको बता दें कि हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन ने अपने एम्प्लॉइज के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि अगर संभव हुआ तो कंपनी आपसे रविवार को भी काम करवाएगी। एस एन सुब्रह्मण्यन के इस बयान पर लोगों ने काफी आपत्ति जताई।
‘मेरी पत्नी बहुत ही अच्छी हैं। मैं उनको देखता रहता हूँ. बहस Quality Of Work पर होनी चाहिए, Quantity पर नहीं’
L&T प्रमुख के ‘90 घंटा काम’ ‘बीवी को कब तक देखोगे’ जैसे बयान पर बोले Industrialist @anandmahindra pic.twitter.com/qhf9Kh93qg
— Sanket Upadhyay (@sanket) January 11, 2025
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महिंद्रा ने अपने ऑटो मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस का उदाहरण देते हुए कहा कि परिवार के लिए कार बनाने के लिए परिवार की जरूरतों को समझना चाहिए। चलिए हमारे व्यवसाय को लेते हैं, आप एक कार बनाते हैं। हमें यह तय करना होता है कि ग्राहक कार में क्या चाहता है। अगर हम हर समय सिर्फ दफ्तर में ही रहेंगे, तो हम अपने परिवार के साथ नहीं होंगे, हम दूसरे परिवारों के साथ नहीं होंगे। हम कैसे समझ पाएंगे कि लोग क्या खरीदना चाहते हैं? वे किस तरह की कार में बैठना चाहते हैं?