अमिताभ कांत और नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली: नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारतीयों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। काम के घंटों पर चल रही बहस में शामिल होते हुए भारत के जी-20 शेरपा ने कहा कि जापान, दक्षिण कोरिया और चीन ने मजबूत कार्य नीति के जरिए आर्थिक सफलता हासिल की है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को विश्व स्तरीय अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इसी तरह की मानसिकता विकसित करनी चाहिए।
अमिताभ कांत ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं कड़ी मेहनत में दृढ़ता से विश्वास करता हूं। भारतीयों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए, चाहे वह सप्ताह में 80 घंटे हों या 90 घंटे। अगर आपकी महत्वाकांक्षा 4,000 अरब डॉलर से 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की है, तो आप इसे मनोरंजन या कुछ फिल्मी सितारों के विचारों का अनुसरण करके नहीं हासिल कर सकते। इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार लगभग 4,000 अरब डॉलर का है।
नीति आयोग के पूर्व सीईओ ने कहा कि कड़ी मेहनत न करने की बात करना फैशन बन गया है। भारत को समय से पहले, विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। अमिताभ कांत ने कहा कि अनुशासित कार्य योजना के भीतर व्यक्तिगत भलाई के लिए पर्याप्त समय है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को समय और लागत में वृद्धि के बिना विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ परियोजनाओं को पूरा करने की कला सीखनी चाहिए।
वर्क लाइफ बैलेंस पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कांत ने इस बात पर जोर दिया कि अनुशासित कार्य-सूची के अंतर्गत व्यक्तिगत कल्याण के लिए पर्याप्त समय होता है। उन्होंने कहा कि मैं हर दिन काम करता हूं। मैं व्यायाम करता हूं। मैं गोल्फ खेलता हूं, और फिर भी मैं कड़ी मेहनत करने में सफल रहता हूं। अपने लिए डेढ़ घंटा अलग रखें, और फिर भी आपके पास दिन में 22.5 घंटे होते हैं। कार्य-जीवन संतुलन को प्रबंधित करने के लिए बहुत समय है, लेकिन यह कहना फैशनेबल न बनाएं कि लोगों को कड़ी मेहनत नहीं करनी चाहिए।
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गौरतलब है कि पिछले दिनों एलएंडटी (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने कहा था कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों से पूछा कि आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं?” उन्होंने कर्मचारियों से घर पर कम और कार्यालय में ज्यादा समय बिताने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि मैं आपको रविवार को काम करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए बाध्य कर सक सकूं, तो मुझे अधिक खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं।