नीतीश कुमार, ललन सिंह व पीएम मोदी (सोर्स- सोशल मीडिया)
पटना: गुरुवार को पीएम नरेन्द्र मोदी बिहार के मधुबनी पहुंचे। उन्होंने यहां साढे़ 13 करोड़ की विकास परियोजनाओं सौगात सौंपी। इस दौरान पीएम मोदी के साथ मंच पर राज्य के सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे। जहां जनता को संबोधित करते हुए नीतीश ने इशारों-इशारों में वह बात कह थी जो अब तक एक रहस्य की तरह थी।
दरअसल बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में गुरुवार को आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बड़ी बात कही। अपने संबोधन के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि हमारी पार्टी ने बीच में गड़बड़ कर दी थी।
उन्होंने जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की ओर इशारा किया। फिर उन्होंने कहा, “यहां बैठे हैं, इन्हीं से पूछिए। बाद में इनको लगा कि दिक्कत है, तब इन्होने कहा कि (आरजेडी-कांग्रेस) छोड़ दीजिए, हम उनके साथ कभी नहीं जा सकते।” इस दौरान सीएम ने महागठबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सब गड़बड़ कर दिया है।
लालू और तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे गड़बड़ करते हैं, इसीलिए हम पहले भी उनके खिलाफ लड़े थे। 2005 में वे बहुत अच्छे से लड़े थे। ललन सिंह की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि उस समय ये हमारे साथ थे, पार्टी के अध्यक्ष थे और खूब लड़ाई लड़ी थी।
नीतीश ने पहली बार किसी नेता पर खुले मंच से भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन टूटने का आरोप लगाया है। सीएम के संबोधन के दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। पीएम की तारीफ करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने बिहार के लिए बहुत कुछ किया है। हम अभी साथ हैं और आगे भी साथ रहेंगे।
आपको बता दें कि नीतीश की पार्टी जदयू ने 2022 में भाजपा से नाता तोड़कर राजद के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई थी। उस समय नीतीश सीएम बने थे और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव थे। 2022 में सत्ता परिवर्तन के दौरान जदयू की कमान ललन सिंह के हाथों में थी। तब ललन सिंह के अलावा जदयू में बिजेंद्र यादव जैसे वरिष्ठ नेता भी समाजवादी एकता के नाम पर लालू यादव की पार्टी राजद और महागठबंधन के साथ जाने के हिमायती थे।
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दिसंबर 2023 में ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद नीतीश ने एक बार फिर पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली थी। ठीक एक महीने बाद जनवरी 2024 में जेडीयू ने आरजेडी से नाता तोड़ लिया और नीतीश एनडीए में वापस आ गए और बीजेपी के साथ सरकार बना ली।