विजय कुमार सिन्हा व अशोक चौधरी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Bihar News: एक तरफ बिहार में चुनावी बयार बह रही है, तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार की सरकार में ही उठापटक चल रही है। मंगलवार को नीतीश कुमार की कैबिनेट मीटिंग के बाद डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा और जेडीयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी के बीच रार ठन गई।
दरअसल, मंगलवार (26 अगस्त 2025) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कुल 26 एजेंडों पर मुहर लगी। इस बीच, एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा और जदयू मंत्री अशोक चौधरी के बीच कहासुनी हो गई। यह सब कैबिनेट बैठक के बाद हुआ।
सूत्रों की मानें तो अशोक चौधरी कृषि फर्म की जमीन को सरकारी योजना के लिए जदयू मंत्री जमा खान के जिले में स्थानांतरित करने पर जोर दे रहे थे। इसके बाद मामला बढ़ गया। इस पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कृषि फर्म की जमीन किसानों के लिए है। कृषि विभाग इसे नियमानुसार दूसरे विभाग को देगा। इसी बात को लेकर एनडीए के ये दोनों नेता आपस में भिड़ गए।
भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने तो अशोक चौधरी को अपना ग्रामीण विकास विभाग संभालने की सलाह तक दे डाली। इस पूरे मामले में जदयू के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि बिहार में विधानसभा चुनाव हैं और इन दोनों नेताओं के बीच एक सीट को लेकर लंबे समय से अनबन चल रही है।
बता दें कि कुछ दिन पहले भी जदयू मंत्री अशोक चौधरी का तेवर काफी आक्रामक देखने को मिला था। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड के एक हाई स्कूल में 22 अगस्त को आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान मंत्री अशोक चौधरी मंच से ही भड़क गए थे। उन्होंने कहा था, “मुझे आपका वोट नहीं चाहिए।”
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हुआ यूं कि जैसे ही सांसद शांभवी चौधरी संबोधन के लिए पहुंचीं, ग्रामीण हाथों में ‘शांभवी वापस जाओ’ और ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ लिखी तख्तियां लेकर नारे लगाने लगे। इस पर उनके पिता अशोक चौधरी भड़क गए। उन्होंने अधिकारी को हिदायत देते हुए यहां तक कह दिया कि इनकी फोटो खींचो और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में इनके खिलाफ कार्रवाई करो। अब एक बार फिर पटना का एक ताज़ा मामला सामने आया है।