श्रेयसी सिंह, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Shreyasi Singh Jamui Assembly Constituency: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जमुई विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और अंतरराष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज श्रेयसी सिंह को पार्टी ने एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है। श्रेयसी सिंह ने कहा कि जमुई में भाजपा इस बार ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी और बिहार में एनडीए एक बार फिर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी।
श्रेयसी सिंह (जन्म 29 अगस्त 1991) भारत की एक प्रसिद्ध निशानेबाज और राजनीतिज्ञ हैं। वह डबल ट्रैप शूटिंग स्पर्धा में हिस्सा लेती हैं। उन्होंने 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला डबल ट्रैप इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था, जबकि 2014 में ग्लासगो (स्कॉटलैंड) में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने रजत पदक जीता था। वर्ष 2020 में श्रेयसी सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुईं और इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव में जमुई सीट से विधायक निर्वाचित हुईं।
श्रेयसी सिंह का संबंध बिहार के जमुई जिले के गिधौर से है। उनके परिवार का खेल और राजनीति दोनों से गहरा जुड़ाव रहा है। उनके दादा कुमार सरेंद्र सिंह और पिता दिग्विजय सिंह नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रह चुके हैं। पिता दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री थे, जबकि उनकी मां पुतुल कुमारी बैंक, बिहार से सांसद रह चुकी हैं। श्रेयसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से कला में स्नातक किया और इसके बाद मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद से एमबीए की पढ़ाई पूरी की।
सिंह भारतीय शूटिंग टीम की सदस्य थीं, जिन्होंने 2013 में मेक्सिको के अकापुल्को में आयोजित ट्रैप शूटिंग वर्ल्ड कप में भाग लिया और 15वां स्थान प्राप्त किया। इससे पहले, उन्होंने 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिंगल्स और पेयर ट्रैप दोनों इवेंट में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने क्रमशः 6वीं और 5वीं रैंक हासिल की।
2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान सिंह ने सिंगल्स डबल ट्रैप स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 92 अंकों के साथ रजत पदक जीता। उसी साल, उन्होंने इंचॉन एशियाई खेलों में शादगुन चौधरी और वर्षा वर्मन के साथ मिलकर डबल ट्रैप टीम इवेंट में कांस्य पदक हासिल किया। आगे चलकर, 2017 में उन्होंने बिहार का प्रतिनिधित्व करते हुए 61वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी सफलता को और भी मजबूत किया।
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30 वर्ष की आयु में उन्होंने 2020 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उसी वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने जमुई विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और राजद उम्मीदवार विजय प्रकाश को 41,000 से अधिक मतों के बड़े अंतर से पराजित करते हुए विजयी रहे।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रेयसी सिंह ने सियासी मैदान में जोरदार प्रदर्शन करते हुए तत्कालीन विधायक विजय प्रकाश को पराजित कर राजनीति में अपनी शानदार शुरुआत की थी। उस चुनाव में जन अधिकार पार्टी (जाप) के उम्मीदवार मोहम्मद शमशाद आलम तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र और पूर्व विधायक अजय प्रताप ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के टिकट पर किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा।
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इस सीट पर नरेंद्र सिंह ने वर्ष 2000 में और अजय प्रताप ने 2010 में जीत दर्ज की थी, जबकि नरेंद्र सिंह के बड़े पुत्र दिवंगत अभय सिंह ने अक्टूबर 2005 के चुनाव में विजय हासिल की थी। श्रेयसी सिंह की जीत ने भाजपा के लिए इस क्षेत्र में एक नई राजनीतिक जमीन तैयार की, क्योंकि 2020 में पहली बार यहां पार्टी का कमल खिला था।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2025 का चुनाव इस बार फिर से हॉट सीट बनने जा रहा है। भाजपा को श्रेयसी सिंह की लोकप्रियता और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद है, जबकि राजद अपने परंपरागत वोट बैंक को फिर से मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
जमुई विधानसभा सीट से इस बार 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। अब देखना यह होगा कि क्या श्रेयसी सिंह दोबारा अपने निशाने पर सही लगाकर जीत की कहानी दोहरा पाती हैं या नहीं।