पीएम मोदी और अमित शाह (सौ. सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार चुनाव में मतदान से पहले ही रोहतास जिला बीजेपी मुक्त हो गया। रोहतास जिला में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। बीजेपी इस जिले के किसी भी विधानसभा सीट से वर्ष 2025 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रही है। अपने सहयोगी दलों- जेडीयू, राष्ट्रीय लोक मोर्चा और लोजपा (रामविलास) को उसने सभी सीटें दे दिया। बीजेपी ने यह फैसला तब लिया है जब विधानसभा चुनाव से पहले यहां पीएम मोदी ने अपनी रैली की थी और केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग। इसके बाद बीजेपी के इस फैसले को लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है।
दरअसल, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में रोहतास के सात में से दो सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ी थी। दोनों सीटों पर बीजेपी
की हार हुई थी। जबकि महागठबंधन को जिला केसभी सातों सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी ने इसके बाद इस क्षेत्र को लेकर अपना रोड मैप तैयार किया था। केंद्र सरकार की ओर से इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और रेलवे सुविधाओं से भी जोड़ा गया। पीएम मोदी की जिला के काराकाट में सभा भी हुई। इसके बाद अमित शाह ने रोहतास के सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग भी किया। लेकिन, इसके बाद भी बीजेपी के सर्वे रिपोर्ट में यहां को लेकर सकरात्मक रिपोर्ट नहीं आने के बाद पार्टी ने यहां से नहीं लड़ने का फैसला लिया।
बीजेपी के फैसले से कार्यकर्ता काफी नाराज हैं। वे पार्टी के फैसले आक्रोशित भी हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। शाहाबाद क्षेत्र के इस इलाके में बीजेपी चुनाव नहीं लड़ रही है। बीजेपी ने रोहतास जिला के सभी सात विधानसभा की सीटें अपने सहयोगियों को दे दिया है। एनडीए के घटक दल यहां के 7 विधानसभा क्षेत्रों में से तीन विधानसभा सीट काराकाट, नोखा एवं करगहर जदयू को दिया है। इसी प्रकार से राष्ट्रीय लोक मोर्चा को सासाराम तथा दिनारा सीट दिया गया है। बाकी की दो सीट चेनारी (सु) और डेहरी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में गई है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि रोहतास राजनीतिक रूप से सशक्त जिला है। यहां से भाजपा का इस तरह गायब होने पर कार्यकर्ताओं के आत्मविश्वास पर गहरी चोट लगी है। इस सवाल पर पार्टी के सीनियर नेताओं का कहना है कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए लड़ती है। पार्टी की ओर से रोहतास और मगध क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को अवगत कह दिया गया था कि सक्रियता बढ़ाना होगा।
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केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से आम लोगों को जोड़े। लेकिन, पार्टी के कार्यकर्ता इसको गंभीरता से नहीं लिया और हम लोग वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव भी हार गए। इसके बाद भी कार्यकर्ताओं से कहा गया था कि वे सक्रिय हो जाएं। पीएम मोदी क सभा भी हुई। अमित शाह ने भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जीत का मंत्र दिय। लेकिन, इसके बाद भी जब पार्टी का सर्वे रिपोर्ट आया। वह संतोषजनक नहीं था। इसकी वजह से पार्टी ने इस जिला में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया।