तेजस्वी यादव (सोर्स:-सोशल मीडिया)
पटना: देश में जातिजग जनगणना को लेकर एक अलग भूचाल आया हुआ है। आज इसका प्रभाव बिहार में भी देखने को मिला। बिहार की राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आरक्षण के मुद्दे पर एक दिवसीय धरना दिया, जिसमें पार्टी नेता तेजस्वी यादव समेत राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह व अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
आज बिहार में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर राजद नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार का घेराव करते हुए आरक्षण बढ़ाने की मांग की। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर अपने भाषण में कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दा है।
आज बिहार में विरोध प्रदर्शन के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार का घेराव करते हुए कहा कि जब वे बिहार के डिप्टी सीएम थे, तब उन्होंने पिछड़ा, अति पिछड़ा और एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 फीसदी कर दी थी। उन्होंने इसे तमिलनाडु की तर्ज पर सुरक्षित करने के लिए संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी रखा।
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विरोध प्रदर्शन के दौरान तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया लेकिन केंद्र सरकार ने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार आरक्षण नहीं देना चाहती।
इसके साथ ही बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि बीजेपी के लोग नहीं चाहते कि गरीब और मजदूर बराबरी पर आएं, वे चाहते हैं कि भिखारी हमेशा भिखारी ही रहें। बड़े-बड़े समाजवादी समय-समय पर जाति जनगणना और आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसे हकीकत बनाने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रखती।
आज बिहार में केंद्र सरकार के खिलाफ जातिगत जनगणना और आरक्षण मामले में राजद ने विरोध प्रदर्शन किया। बिहार के पटना में राष्ट्रीय जनता दल ने आरक्षण के मुद्दे पर एक दिवसीय धरना दिया, जिसमें पार्टी के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव समेत कई बड़े नेता पहुंचे।
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इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य भर में पार्टी कार्यालयों पर धरना दिया और आरक्षण के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार को घेरा। इस दौरान तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर अपने भाषण में कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दा है।