झंझारपुर विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
Jhanjharpur Assembly seat: बिहार की सियासत में झंझारपुर विधानसभा सीट ऐसी है जहां दशकों से ‘मिश्रा परिवार’ की मजबूत पकड़ बनी हुई है। इसी विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने 1972 से लेकर 1990 तक लगातार 5 बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। उन्होंने ही झंझारपुर को बिहार की राजनैतिक नक्शे पर विशेष पहचान दिलाई है।
पिता की इस विरासत को उनके बेटे नीतीश मिश्रा ने आगे बढ़ाया, जो वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं। फिलहाल, 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर झंझारपुर में राजनीति गरमाने लगी है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि 2025 में भी यहां मिश्रा परिवार की पकड़ बनी रहेगी या फिर इस बार समीकरण बदलने वाले हैं?
झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र बिहार के मधुबनी जिले में स्थित है और यह झंझारपुर संसदीय सीट का हिस्सा है। यह सीट वर्ष 1951 में स्थापित की गई थी और यह एक सामान्य श्रेणी की सीट है। इसमें झंझारपुर और लखनौर सामुदायिक विकास खंड, साथ ही मधेपुर प्रखंड की 7 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। यह क्षेत्र मैथिली संस्कृति और परंपरा से ओतप्रोत है। माना जाता है कि “झंझारपुर” नाम मैथिली शब्द ‘झांझर’ से लिया गया है।
जनसंख्या के लिहाज से 2024 की अनुमानित जनसंख्या 5,48,571 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,83,670 और महिलाओं की संख्या 2,64,901 है। निर्वाचन आयोग के अनुसार 1 जनवरी 2024 की संदर्भ तिथि पर कुल 3,26,585 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें 1,69,807 पुरुष और 1,56,772 महिलाएं शामिल हैं।
1951 में स्थापित झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र ने अब तक 17 चुनाव देखे हैं। इनमें से 9 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की। जदयू ने तीन बार, राजद ने दो बार, जबकि भाजपा, जनता पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को एक-एक बार सफलता मिली है।
झंझारपुर की सांस्कृतिक पहचान इसे विशेष बनाती है। यह क्षेत्र छठ और सामा-चकेवा जैसे त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है। साहित्य और संगीत में भी इसका योगदान उल्लेखनीय है। पास का लखनौर गांव प्रसिद्ध मैथिली कवि विद्यापति की कहानियों और लोककथाओं से जुड़ा हुआ है। धार्मिक दृष्टिकोण से, झंझारपुर में बाबा विदेश्वर स्थान एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।
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कमला नदी इस क्षेत्र की जीवनरेखा मानी जाती है, जो कि नेपाल से निकलकर बिहार में बहती है। विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन कमला घाट में स्नान का धार्मिक महत्व है। झंझारपुर का रेलवे सह सड़क पुल भी ऐतिहासिक धरोहर है, जो लगभग 150 साल पुराना है। अंग्रेजों के समय में बना यह पुल कमला नदी पर दरभंगा-झंझारपुर मार्ग (पुराना एनएच-57) पर स्थित है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)