गुंजन खेमका और गोपाल खेमका (सोर्स- सोशल मीडिया)
पटना: बिहार के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या ने सनसनी फैला दी है। पुलिस इस मामले में सुराग खोजने के लिए छापेमारी और कार्रवाई कर रही है, लेकिन हत्यारा अभी भी फरार है। सवाल यह है कि गोपाल खेमका के परिवार को कौन खत्म करना चाहता है?
दरअसल, ये सवाल तब उठे हैं जब छह साल बाद खेमका परिवार में फिर मातम पसर गया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर खेमका परिवार पर किसकी बुरी नजर है? कौन इस परिवार के सदस्यों को एक-एक कर मार रहा है? क्योंकि परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और न ही यह किसी विवाद में शामिल रहा है। इसके बावजूद हर कुछ सालों में परिवार के किसी सदस्य की हत्या हो रही है।
साल 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हाजीपुर में हत्या कर दी गई थी। इससे पहले उनके छोटे बेटे डॉ. गौरव खेमका पर कदमकुआं थाना अंतर्गत उनके अस्पताल के पास गोलियों से हमला किया गया था। उस दौरान उनकी जान बाल-बाल बची थी। गोपाल खेमका के बड़े भाई विजय खेमका पर 1999 में जानलेवा हमला हुआ था।
इसे साजिश कहें या संयोग क्योंकि गोपाल खेमका और उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या एक ही तरीके से की गई है। 20 दिसंबर 2018 की रात करीब 11:30 बजे हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री गेट के बाहर बाइक पर बैठा अपराधी बेटे के आने का इंतजार कर रहा था। उसके आते ही उसने उसे गोली मार दी।
शुक्रवार की रात भी अपराधी गेट पर पहले से ही इंतजार कर रहा था। रात में 11:40 बजे जैसे ही गोपाल खेमका कार से उतरे को गोली मार दी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या एक ही परिवार के दो लोगों की हत्या और अन्य पर हमले के पीछे कोई गहरी साजिश है? अब इन सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिलने की उम्मीद है।
गोपाल खेमका को भुगतान के आधार पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया और उसके बाद उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की। इस घटना के बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे को सुरक्षा मुहैया कराई है। पुलिस ने पटना के बेउर जेल में तलाशी ली और घटना के सिलसिले में कुछ कैदियों से पूछताछ की।
खेमका के परिवार से तेजस्वी ने की मुलाकात, कहा-सीएम बेहोश हैं, ये महाजंगलराज है
शनिवार शाम पटना पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “तलाशी के दौरान पुलिस को तीन मोबाइल फोन (सिम कार्ड के साथ), एक डेटा केबल और एक कागज का टुकड़ा मिला, जिस पर कई मोबाइल नंबर लिखे थे।”