काला कुर्ता पहनकर विधानसभा पहुंचे तेजस्वी यादव, फोटो: सोशल मीडिया
पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्षी विधायकों ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। इस कारण से सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ गया। जैसे ही दूसरा सत्र शुरू हुआ तो फिर विपक्षी विधायक सदन के वेल में आए नारे लगाने लग गए। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के बार-बार चेतावनी देने के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा।
हंगामे के दौरान सदन में विपक्ष के विधायकों ने टेबल पलटने की कोशिश की। इसके बाद अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विधायकों को सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को पहले सत्र में बोलने की अनुमति दी गई थी लेकिन उन्होंने इस मौके का उपयोग नहीं किया। अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने हंगामे के बीच शुरुआत में कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि एक बार फिर कार्यवाही हंगामे के साथ ही शुरू हुई।
विपक्ष नेता तेजस्वी यादव विरोध जताने के लिए काला कुर्ता पहनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा, “बिहार में लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश की जा रही है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया ठीक नहीं है। मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा करने के लिए सलाहकार समिति की बैठक बुलाई जानी चाहिए। जब वोटर्स के नाम काटे जा रहे हैं तो विधेयकों का क्या मतलब? अगर वोटर वोटिंग से वंचित रहेंगे तो कैसे कह सकते हैं कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं?” तेजस्वी ने आगे कहा, “अगर हम लोकतंत्र के मंदिर में मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा नहीं करेंगे तो फिर कहां करेंगे? लोकतंत्र खतरे में है।”
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जेडीयू विधायक विनय चौधरी ने राजद विधायकों की तरफ से कानून व्यवस्था को लेकर विरोध करने पर तंज कसा। चौधरी ने कहा, “ऐसे लोगों को अपने मुंह कालिख पोत लेनी चाहिए। क्योंकि इन लोगों को प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमारी सरकार नित दिन अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और आगे भी करेगी। हम किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
आइएएनएस इनपुट के साथ