Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Dussehra 2025 |
  • Shardiya Navratri |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

सियासत-ए-बिहार: जब ‘सियासी मौसम वैज्ञानिक’ ने RJD को दे दिया वनवास, एक शर्त ने तोड़ दिया लालू के ‘MY’ समीकरण का तिलिस्म

बिहार में चुनाव होने वाले हैं। इस चुनावी माहौल हलचलों के बीच हम भी हर रोज 'सियासत-ए-बिहार' की एक कहानी लेकर आपके बीच हाजिर हो रहे हैं। आज की किश्त में बात 2005 के पहले चुनाव की...

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Jun 10, 2025 | 06:33 PM

लालू प्रसाद यादव (डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

पटना: बिहार देश के उन सूबों में पहले पायदान पर आता है जहां से निकली सियासी कहानियां ‘दस्तावेज’ बन जाती हैं। यहां की हर एक गली और कूचे में राजनीति पर बारीक नज़र रखने वाले लोग और सूबे का कोई न को दिलचस्प सियासी किस्सा मिल ही जाता है। बात जब समूचे राज्य के किसी बड़े सियासतदान से जुड़ी घटना की हो तब तो क्या ही कहना…

बिहार में इंतख़ाब की घड़ियां नजदीक हैं। सियासी दल और सियासतदान अपने विरोधियों को मात देने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। जनता चुनावी माहौल में राजनैतिक चर्चाओं में जुट गई है। सियासी पंडित चुनावी समीकरण और गुणा गणित लगाने में जुट गए हैं। इन हलचलों के बीच हम भी हर रोज ‘सियासत-ए-बिहार’ की एक कहानी लेकर आपके बीच हाजिर हो रहे हैं।

बिहार की सियासत और गठबंधन

बिहार की राजनीति लंबे समय से गठबंधन के इर्द-गिर्द घूमती रही है। आखिरी पूर्ण बहुमत की सरकार साल 1995 में जनता दल ने बनाई थी। तब झारखंड और बिहार एक ही हुआ करते थे। लेकिन इसके बीच कार्यकाल में ही लालू यादव ने जनता दल से नाता तोड़ते हुए 1997 में आरजेडी का गठन किया। उन्हें 163 विधायकों का समर्थन था बाकी जेएमएम और कांग्रेस को मिलाकर आरजेडी की सरकार बना ली।

2005 से सीएम हैं नीतीश कुमार

2000 के चुनाव में फिर से आरजेडी ने 124 सीटें जीतीं और राबड़ी देवी 2005 तक सूबे की सीएम रहीं। इसके बाद पिछले 20 सालों यानी 2005 से नीतीश कुमार गठबंधन सरकार चला रहे हैं, हालांकि इससे पहले भी कई गठबंधन सरकारें बनी हैं। जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तब भी गठबंधन सरकार बनी थी।

गठबंधन की राजनीति के कारण ही एक-दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाने वाले लालू और नीतीश 2015 के चुनाव में साथ आए थे। लेकिन आज बात करते हैं उस चुनाव की जिसमें रामविलास पासवान ‘किंगमेकर’ की भूमिका में थे और उनके एक कदम ने लालू यादव और उनकी पार्टी को बिहार की सत्ता से बेदखल कर दिया था।

2005 चुनाव में क्या कुछ हुआ?

साल था 2005, राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं। फरवरी-मार्च में हुए बिहार विधानसभा चुनाव ने एक तरफ जहां सभी राजनीतिक पंडितों को चुप करा दिया, वहीं चौथी बार सत्ता का सपना देख रही आरजेडी सत्ता से दूर रह गई। इस चुनाव परिणाम में सत्ताधारी पार्टी आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी लेकिन सरकार बनाने से काफी दूर रह गई।

‘किंगमेकर’ बन गए रामविलास पासवान

वहीं, तत्कालीन विपक्ष एनडीए गठबंधन था, जो भी सत्ता से काफी दूर रह गया। दरअसल, इस चुनाव परिणाम में लोक जनशक्ति पार्टी ‘किंगमेकर’ बनकर उभरी। लोजपा ने इस चुनाव में 29 सीटों पर जीत हासिल की। जिसके बाद स्थिति यह हुई कि वह जिसके साथ जाएगी, सूबे में उसकी सरकार बन जाएगी।

सियासत-ए-बिहार: गिरते ग्राफ और टूटती नींव ने बढ़ाई टेंशन, डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी; चोट देने को तैयार जनसुराज और कांग्रेस

पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान का बिहार ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी काफी बड़ा स्थान रहा है। इसका अंदाजा सिर्फ एक चुनाव परिणाम से ही नहीं बल्कि उनके जीवन से भी लगाया जा सकता है। रामविलास एकमात्र ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम किया। पासवान को ‘राजनीतिक का मौसम वैज्ञानिक’ भी  कहा जाता था।

कांग्रेस से मिलकर लड़ा था चुनाव

2005 के चुनाव परिणाम में लोजपा के खाते में 29 सीटें आई थीं। उस समय रामविलास केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री थे। उन्होंने यह चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था, कांग्रेस को सिर्फ 10 सीटें मिली थीं। जबकि आरजेडी को 75, जेडीयू को 55 और बीजेपी को 37 सीटें मिली थीं।

पासवान ने लालू के सामने रखी बड़ी शर्त

इस चुनाव परिणाम के बाद किंग मेकर की भूमिका में रामविलास पासवान ने लालू प्रसाद के सामने यह शर्त रखी कि अगर लालू प्रसाद मुसलमानों के सच्चे हितैषी हैं तो उन्हें राज्य की कमान किसी मुसलमान को सौंप देनी चाहिए, ऐसी स्थिति में लोजपा उस सरकार का समर्थन करेगी।

…और मात खा गए लालू प्रसाद यादव

लालू यादव किसी भी हालत में सत्ता की कुर्सी अपने परिवार से जाने नहीं देना चाहते थे। यह सारी राजनीतिक गतिविधि उस समय हो रही थी जब लालू यादव और रामविलास पासवान दोनों ही केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री थे। लेकिन रामविलास ने लालू यादव के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया था, चुनाव के दौरान भी उन्होंने खूब प्रचार किया था कि लालू और आरजेडी की सरकार सबसे भ्रष्ट है और यहां जंगल राज होगा। रामविलास पासवान की एक चाल से लालू प्रसाद पूरी तरह से मात खा गए थे।

लालू यादव की पार्टी को मिल गया वनवास

दरअसल, एम वाय यानी मुस्लिम+यादव समीकरण के तहत लालू यादव और राबड़ी देवी ने बिहार में तीन बार सत्ता का स्वाद चखा था। ऐसे में रामविलास 2025 के चुनाव परिणाम में खुद को मुसलमानों का सच्चा हितैषी दिखाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, इसका नतीजा यह हुआ कि रामविलास को सत्ता नहीं मिली और लालू यादव और उनकी पार्टी आज तक बिहार में वनवास से वापस नहीं आ पाई है।

अधूरा रह गया सीएम बनने का सपना

हालांकि 2015 और 2022 में आरजेडी नीतीश सरकार का हिस्सा जरूर रही, लेकिन मुख्यमंत्री का सपना अधूरा रह गया। 2015 और 2020 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी (आरजेडी) होने के बावजूद लालू के बेटे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा।

बिहार में लगाना पड़ा राष्ट्रपति शासन

2005 के बिहार चुनाव में एलजेपी से 29 विधायक जरूर चुने गए थे। लेकिन उनके ज्यादातर विधायक वो थे जो धन और बाहुबल के बल पर विधानसभा पहुंचे थे और रामविलास के मुस्लिम मुख्यमंत्री के कदम के बाद धीरे-धीरे 12 विधायक टूटने की कगार पर पहुंच गए। पार्टी को टूटता देख रामविलास ने राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन की अपील की और फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

यह भी कहा जाता है कि अगर रामविलास ने लालू यादव के सामने मुस्लिम मुख्यमंत्री की शर्त नहीं रखी होती तो शायद आज का राजनीतिक परिदृश्य कुछ और होता। यह भी माना जाता है कि नीतीश कुमार के बिहार के पूर्णकालिक मुख्यमंत्री बनने की संभावना बहुत कम थी।

सियासत-ए-बिहार: 10 साल पुरानी गलती छीन लेगी नीतीश की कुर्सी? लालू के एक ‘मास्टरस्ट्रोक’ से जन्मी RJD तो दूसरे ने फूंकी जान

यह भी माना जाता है कि अक्टूबर-नवंबर 2005 और 2010 के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम मुख्यमंत्री की रामविलास की शर्त न मानने का खामियाजा लालू यादव को भुगतना पड़ा था। राष्ट्रपति शासन के बाद हुए चुनावों में नीतीश कुमार मुसलमानों को अपने पक्ष में लाने में सफल रहे और राज्य की सत्ता में आ गए।

Bihar politics ram vilas paswan muslim cm condition lalu prasad yadav rjd

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jun 10, 2025 | 05:47 PM

Topics:  

  • Bihar Assembly Election 2025
  • Bihar Politics
  • Lalu Prasad Yadav
  • RJD
  • Siyasat-E-Bihar

सम्बंधित ख़बरें

1

Bihar Pre Election Survey: राहुल-तेजस्वी ने किया खेल या हुए फेल, नीतीश-PK में कौन बनेगा ‘सम्राट’?

2

अशोक चौधरी ने चल दिया असली दांव! खेल दिया ऐसा कार्ड…कि फूल जाएंगे प्रशांत किशोर के हाथ-पांव

3

चुनाव आयोग ने जारी की फाइनल वोटर लिस्ट, पटना में बढ़े डेढ़ लाख से ज्यादा वोटर, SIR पर हुआ था बवाल

4

‘पहले हमारे पैर पर गिरे थे…’, NDA नेताओं से मिले पवन सिंह, तो तेज प्रताप ने कर दिया बड़ा खुलासा

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.