प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
Election Commission on SIR: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के एसआईआर को लेकर जानकारी शेयर की है। ईसीआई ने बताया कि बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण के पहले चरण में शानदार सफलता मिली है। 7.24 करोड़ यानी 91.69 प्रतिशत लोगों ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं। आयोग ने बताया कि मृत घोषित 22 लाख लोग हैं। इसके साथ ही स्थायी रूप से स्थानांतरित या नहीं मिल रहे 36 लाख लोग हैं। एक से अधिक जगहों पर पंजीकृत 7 लाख वोटर हैं।
ईसीआई के मुताबिक ऐसे लोग जो दूसरे राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता बन गए हैं या अस्तित्व में नहीं पाए गए या फिर किसी अन्य कारण से पंजीकरण नहीं करना चाहते थे, इनकी सटीक स्थिति 1 अगस्त 2025 तक इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर या सहायक ईआरओ की ओर से फॉर्म की जांच के बाद स्पष्ट हो सकेगी।
ईसीआई ने बताया कि जिन मतदाताओं का नाम कई जगहों पर है, उनका नाम केवल एक ही जगह पर ही रखा जाएगाऔर वास्तविक मतदाता 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्ति अवधि के दौरान मतदाता सूची में वापस जोड़े जा सकते हैं। एसआईआर के पहले चरण में राजनीतिक दलों की भागीदारी भी काफी रही है। चुनाव आयोग के अनुसार, विपक्ष ने सबसे अधिक बूथ लेवल एजेंट बनाए हैं। विशेष मतदाता पुनरीक्षण शुरू होने से पहले और इसके एक महीने बाद तक विपक्षी दलों ने सबसे अधिक बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए।
कांग्रेस के बीएलए में 105 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जबकि सीपीएम में 1,083 प्रतिशत और सीपीआई (माले) में 542 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के बीएलए में 185 प्रतिशत, भाजपा में 3 प्रतिशत, राष्ट्रीय जनता दल में 1 प्रतिशत, जनता दल (यूनाइटेड) में 31 प्रतिशत, और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
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पहले चरण की सफलता का श्रेय चुनाव आयोग ने अधिकारियों को दिया है। ईसीआई ने कहा कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, डीईओ, ईआरओ, एईआरओ, मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ, राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्षों के साथ-साथ 1.60 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) को इसकी सफलता का श्रेय जाता है।
आईएएनएस इनपुट के साथ