बिहार विधानसभा चुनाव 2025, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Mahua Assembly Constituency: बिहार के वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट एक बार फिर लालू परिवार के आंतरिक संघर्ष और राजनीतिक ड्रामे का केंद्र बन गई है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी पुरानी कर्मभूमि महुआ से अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, जिससे यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए एक अंदरूनी चुनौती बन गई है।
तेज प्रताप यादव ने यह चुनाव तब लड़ने का फैसला किया है जब उन्हें राजद से निष्कासित किया जा चुका है। उनके नामांकन के दौरान, जहां उनके समर्थकों की भारी भीड़ थी, वहीं लालू परिवार का कोई भी सदस्य उनके साथ नजर नहीं आया। तेज प्रताप अब सीधे अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले राजद उम्मीदवार मुकेश कुमार रौशन के खिलाफ मैदान में हैं।
यह लड़ाई अब सिर्फ सीट जीतने की नहीं, बल्कि तेज प्रताप के राजनीतिक अस्तित्व और राजद के पारंपरिक यादव वोट बैंक पर उनकी पकड़ साबित करने की है। तेज प्रताप ने यह कहकर तेजस्वी पर हमला बोला है कि वह सत्ता के नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सिद्धांतों के भूखे हैं, और उनके लिए जनता की सेवा सर्वोपरि है। उन्होंने मौजूदा राजद विधायक मुकेश रौशन पर क्षेत्र में कोई काम न करने का आरोप लगाया है, जबकि खुद के कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज जैसे काम गिनाए हैं।
महुआ विधानसभा सीट की पहचान लंबे समय से राजद के गढ़ के रूप में रही है। यह वैशाली लोकसभा के अंतर्गत आती है और 1977 में दोबारा अस्तित्व में आने के बाद से कांग्रेस या भाजपा को कभी यहां जीत नहीं मिली है।
2000 के बाद से देखा जाए तो 2010 में जदयू को एकमात्र जीत मिली है। नहीं अक्सर राजद ने लगातार जीत दर्ज की है। 2015 में तेज प्रताप यादव राजद के टिकट पर विधायक बने थे। फिर 2020 में राजद के मुकेश कुमार रौशन ने सीट जीती। यहां का चुनावी गणित मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण पर मजबूती से टिका है। यहां पर यादव और मुस्लिम की आबादी अनुमान के मुताबिक करीब 32-35 फीसदी तक है, जो राजद का मूल वोट बैंक है।
अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से पासवान और रविदास समुदाय सहित SC वर्ग की आबादी भी करीब 21 फीसदी है, जो किसी भी उम्मीदवार के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। तेज प्रताप यादव की चुनौती राजद के पारंपरिक वोट बैंक में सीधी सेंध लगाने का काम करेगी।
गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित महुआ की भूमि उपजाऊ है। यहां धान, गेहूं और मक्का की खेती मुख्य है। पुराना अतीत देखा जाए तो 2016 में शराबबंदी से पहले यह देसी शराब उत्पादन का प्रमुख केंद्र था। इसके अलावा पानापुर स्थित राधा कृष्ण मंदिर और गोविंदपुर का प्रसिद्ध शक्तिपीठ दुर्गा मंदिर यहां के प्रमुख स्थल हैं।
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वर्तमान मुद्दों में देखा जाए तो तेज प्रताप के चुनाव प्रचार में सड़क और स्थानीय विकास मुख्य मुद्दे हैं, क्योंकि वह अपने कार्यकाल में किए गए कामों को भुनाना चाहते हैं। इस बार महुआ से कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें लोजपा (रामविलास) से संजय कुमार सिंह और जन सुराज पार्टी से इंद्रजीत प्रधान भी प्रमुख दावेदार हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला तेज प्रताप यादव और मुकेश कुमार रौशन के बीच ही है, जिसने इस सीट को बिहार के सबसे जटिल और भावुक मुकाबले में बदल दिया है।