Bihar News बिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चलाने के लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति इस कार्य को संभालेगी। यह टीम दो दशकों से अधिक समय से ठप्प पड़ी मिलों को पुनर्जीवित करने के लिए बाधाओं को दूर करने पर काम करेगी। गन्ना उद्योग विभाग ने बंद मिलों को पुनः चालू करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
चुनाव के दौरान किया गया था वादा
विधानसभा चुनाव प्रचार में रोजगार प्रमुख मुद्दा बना; पक्ष‑विपक्ष ने इस पर वादे किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह ने हर सभा में रोजगार व बंद चीनी मिलों को पुनः चालू करने का आश्वासन दिया, और मोदी ने कई बार “मीठी चाय” का उल्लेख किया। 2025 में एनडीए सरकार बनते ही गन्ना उद्योग विभाग ने सक्रियता बढ़ाकर इन घोषणाओं को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
कैबिनेट में चीनी मिलों को चालू करने की स्वीकृति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में नौ बंद चीनी मिलों को पुनः संचालित करने की मंजूरी दी गई है।
समस्तीपुर इकाई
सकरी इकाई (दरभंगा)
रैयाम इकाई (दरभंगा)
मोतीपुर इकाई (मुजफ्फरपुर)
कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड, मढ़ौरा (सारण)
कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड, बारा चकिया (पूर्वी चंपारण)
कावनपुर सुगर वर्क्स लिमिटेड, चनपटिया (पश्चिम चंपारण)
श्री हनुमान सुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मोतिहारी
सासामूसा सुगर वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, गोपालगंज
(मोतिहारी और सासामूसा की चीनी मिलें निजी क्षेत्र की हैं। इसमें भूमि अधिग्रहण पूरा,अन्य मिलों में विवाद जारी)
गन्ना उद्योग विभाग ने दरभंगा स्थित सकरी और रैयाम चीनी मिलों की भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया है, जबकि अन्य सात चीनी मिलों से जुड़े भूमि तथा स्वामित्व संबंधी विवाद अभी सुलझाए जा रहे हैं। सकरी चीनी मिल वर्ष 1996 में और रैयाम इकाई वर्ष 1993 में बंद हुई थी।
28 साल ले बंद पड़ी है मढ़ौरा चीनी मिल
ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (BIC) के अंतर्गत कार्यरत कावनपुर शुगर वर्क्स लिमिटेड की तीन मिलें—मढ़ौरा, बारा चकिया और चनपटिया—राज्य की प्रमुख इकाइयाँ थीं। मढ़ौरा चीनी मिल 1997 में बंद हुई, जबकि चकिया और चनपटिया की मिलें 1994 में बंद हो गई थीं।
जानें क्या बोले गन्ना उद्योग मंत्री
गन्ना उद्योग मंत्री संजय कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने का प्रयास जारी है, ताकि बिहार की मिठास एक बार फिर लौट सके। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
