अनंत सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
Anant Singh: मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के केस में पांच बार के विधायक और जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार अनंत सिंह गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिए गए हैं। जिसके पीछे उनके बयान को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। हत्या के दिन आरजेडी नेता दुलारचंद जन सुराज पार्टी के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के लिए वोट मांग रहे थे।
हत्या के बाद दुलारचंद के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में नामजद होने के बाद भी अनंत तब तक गिरफ्तार नहीं हुए, जब तक चुनाव आयोग ने प्रशासन और पुलिस को रडार पर नहीं लिया। पटना ग्रामीण के एसपी, मोकामा विधानसभा के रिटर्निंग अफसर यानी बाढ़ के SDO समेत तीन अफसर हटा दिए गए और एक SDPO को भी सस्पेंड कर दिया गया।
एफआईआर में नामजद होने के अलावा अनंत सिंह का खुद का दिया गया एक बयान उन पर हुई रैपिड कार्रवाई का कारण बना। अनंत सिंह ने हत्या के कुछ देर बाद ही पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि दुलारचंद यादव की हत्या सूरजभान सिंह का खेला है।
बाहुबली सूरजभान सिंह पूर्व सांसद हैं और उनकी पत्नी वीणा देवी तेजस्वी यादव की पार्टी राजद के टिकट पर मोकामा से ही चुनावी मैदान में हैं। दुलारचंद यादव भी राजद के ही थे, लेकिन इस चुनाव में मोकामा सीट पर जन सुराज के पीयूष प्रियदर्शी के पीछे चट्टान बनकर खड़े थे।
हड़बड़ी में दिए अपने बयान में अनंत सिंह ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी कि घटना के दौरान वो वहीं आसपास मौजूद थे। अनंत ने कहा था कि उनके साथ की 30-40 गाड़ी आगे निकल गई थी और 10 गाड़ी पीछे रह गई थी, जिसे जन सुराज पार्टी के समर्थकों ने तोड़ दिया।
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उन्होंने यह भी कहा था कि सबसे पहले दुलारचंद यादव ने हाथ उठाया था। पुलिस जांच शुरू ही हुई थी कि अनंत के इस बयान को लेकर विपक्ष प्रशासन और चुनाव आयोग को घेरने लगा। अनंत की घटना के दौरान मौजूदगी जांच का विषय हो सकता थी। ऐसा होता तो शायद जांच होते-होते चुनाव निकल जाता।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मीडिया से कहा था कि पुलिस की जांच में पाया गया कि अनंत सिंह वहां मौजूद थे और उनके सामने ही घटित हुई। एसएसपी ने बताया था कि घटनास्थल पर अनंत सिंह के साथ मौजूद उनके सहयोगी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया है।